मध्य प्रदेश के खंडवा ज़िले से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है. ज़िले में तीन आदिवासी लड़कियों के शव मिलने के बाद हड़कम्प मच गया है. घटना खंडवा के जावर थाना क्षेत्र के कोटखेड़ी गांव का है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 26 जुलाई की रात करीब 11-12 बजे तीनों लड़कियां घर से निकली थीं. परिवार को लगा कि वो शौच के लिए जा रही हैं. लेकिन देर रात 2 बजे तक भी वो घर नहीं पहुंचीं तो बाद घरवालों ने उनकी तलाश शुरू की. रात करीब ढाई बजे उनके शव पेड़ से लटके मिले. रात तीन बजे के करीब पुलिस गांव में पहुंची और शव को पेड़ से नीचे उतारा है.
खंडवा के पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने बताया कि सोनू (23), उसकी छोटी बहनें सावित्री (21) और ललिता (19) के शव पेड़ पर रस्सी के फंदे से लटके मिले. प्रथम द्रष्टया के मामला आत्महत्या का लग रहा है लेकिन पुलिस जांच के बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ कह पाएगी. पुलिस ने सूचना दी कि उनके पिता का देहांच 4 साल पहले हो चुका है. वे भामगढ़ गांव के कोटा फाल्या अपनी माता के साथ रहती थीं.
एसपी विवेक सिंह ने मीडिया को बताया कि मृतकों में से एक खंडवा के एक कॉलेज में पढ़ाई करती थी. वहीं दूसरी बहन की शादी हो चुकी थी और वो कुछ दिन पहले ही मायके आई थी. वहीं तीसरी सबसे छोटी बहन ने पढ़ाई छोड़ दी थी, वो मजदूरी करती थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, लड़कियों के परिवार में कुल पांच बहनें और तीन भाई थे. उनके पिता जामसिंह का निधन हो चुका है. फिलहाल पुलिस आत्महत्या के ऐंगल से मामले की जांच कर रही है. हालांकि अब तक सुसाइड की कोई साफ वजह सामने नहीं आ सकी है.
पुलिस के मुताबिक, घटना की जानकारी मिलने के बाद करीब 3 बजे पुलिस गांव पहुंची. शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. इसके बाद शव परिवार को सौंप दिए जाएंगे. इस मामले में पुलिस गांववालों और परिवारवालों से पूछताछ कर रही है.
पुलिस के मुताबिक, इन लड़कियों की सबसे बड़ी बहन का नाम चंपक है. उसने बताया कि घटना से कुछ देर पहले ही उसकी बात तीनों से हुई थी. वो तीनों उससे घर आने को कह रही थीं. कॉलेज में पढ़ने वाली बहन ने उससे कहा था कि वो जल्दी आ जाए, एक तारीख से हॉस्टल खुल जाएंगे तो वो खंडवा चली जाएगी.