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मध्य प्रदेश : इंदौर में आदिवासी महिला की मौत पर क्यों हुआ बवाल, पुलिस ने हवा में गोली चलाई

मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में 23 वर्षीय महिला की मौत के बाद आदिवासी लोगों द्वारा किया जा रहा प्रदर्शन उग्र हो गया जिसके बाद बुधवार रात को पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और हवा में गोलियां चलाईं.

एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को क्षतिग्रस्त किया और पुलिसकर्मियों पर हमला किया. यह घटना महू शहर से करीब तीन किलोमीटर दूर बडगोन्दा पुलिस थाने में हुई.

पुलिस थाना प्रभारी धर्मेंद्र ठाकुर ने कहा कि खरगोन निवासी महिला पिछले कुछ साल से धमनोद में रह रही थी और पढ़ाई कर रही थी.

उन्होंने कहा, ‘‘गवली पलसिया गांव का रहने वाला यदुनंदन पाटीदार पिछले साल महिला के संपर्क में आया और उसे यहां (बडगोन्दा) अपने घर लेकर आया था.”

उन्होंने बताया कि बुधवार शाम को महिला की मौत हो गई. जैसे ही उसकी मौत की खबर मिली तो उसके माता-पिता और विभिन्न आदिवासी समूहों के सदस्य पुलिस थाने में एकत्रित हो गए और उन्होंने प्रदर्शन किया.

अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने बुधवार शाम महिला के शव को सड़क पर रख कर यातायात बाधित कर दिया. उन्होंने कहा, “उनमें से कुछ ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया और पुलिस के वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया. हालांकि जैसे ही भीड़ उग्र हुई पुलिस ने हवा में लगभग एक दर्जन राउंड फायरिंग की और आंसू गैस के गोले भी दागे.”

पुलिस के मुताबिक इस प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई और हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं.

गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, उन्होंने मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं.

लेकिन अब इस पूरे मामले पर राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस नेता कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, “इंदौर जिले के महू में आदिवासी युवती से सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या और पुलिस फायरिंग में आदिवासी युवक की हत्या ने मध्यप्रदेश में व्याप्त जंगलराज को साबित किया है. मैं इस हृदयविदारक घटना से आहत हूं, व्यथित हूं और दुख की इस घड़ी में पीड़ित आदिवासी परिवारों के साथ खड़ा हूं.”

कमलनाथ ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “मैंने घटना की जांच के लिए वरिष्ठ आदिवासी विधायकों का एक जांच दल भी गठित किया है जो घटनास्थल के लिए रवाना हो चुका है. आदिवासियों पर अत्याचार के मामले में पूरे देश में अव्वल मध्यप्रदेश में घटित इस सामूहिक बलात्कार और पुलिस गोलीबारी की घटना ने आदिवासियों को भयभीत कर दिया है.”

ये है मामला

बुधवार को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही 23 वर्षीय आदिवासी महिला किराए के कमरे में मृत पाई गई. परिजनों ने युवती के साथ गैंगरेप कर उसकी हत्या करने का आरोप लगाते हुए शव को सड़क पर रख विरोध प्रदर्शन किया.

सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस प्रदर्शन स्थल पर पहुंची और लोगों को तितर-बितर करने का प्रयास किया. हालांकि आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया. इसके बाद पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और हवा में गोलियां चलाई.

इंदौर एसपी (ग्रामीण) भगवंत सिंह विर्दे ने कहा, “पथराव के कारण छह पुलिसकर्मी घायल हो गए. स्थिति पर काबू पा लिया गया है. लेकिन अभी भी इलाके में पुलिस बल तैनात है. महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई जिसके बाद उसके परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया. महिला अपनी पढ़ाई के लिए किराए के कमरे में रह रही थी.”

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