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मध्य प्रदेश: आदिवासी अपने मृतकों को खाट और मोटरसाइकिल पर ले जाने को मजबूर

मध्य प्रदेश के सिंगरौली (Singrauli) ज़िले में एक और चौंकाने वाली घटना के वीडियो ने चिकित्सा प्रणाली के रवैये और अधिकारियों की उदासीनता को उजागर कर दिया है. वीडियो में एक आदिवासी महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए खाट पर ले जाते देखा जा सकता है.

दरअसल सोमवार को सिंगरौली में ज़िला कार्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर तियरा गांव में बैगा आदिवासी महिला जगमती पंडो की कथित तौर पर वन क्षेत्र में एक जहरीले कीड़े द्वारा काटे जाने के बाद मृत्यु हो गई. जानकारी के मुताबिक सूचना के बाद पुलिस दल का शव वाहन नही पहुंचने की वजह से परिजन शव को खाट पर रख कर पुलिसिया कार्यवाही (पोस्टमार्टम) के लिए लाने को मजबूर हुए.

हालांकि, समस्या यहीं खत्म नहीं हुई. परिवार ने आरोप लगाया कि शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए उन्हें 12 घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा.

उधर महिला का शव खाट पर ले जाने की तस्वीर वायरल होने के बाद लोग शासन प्रशासन के स्वास्थ्य सुविधाओं पर चुटकी लेते हुए कहने लगे हैं की शिवराज के सिंगापुर में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. सिंगरौली ज़िले में बीजेपी के तीनो विधायक और बीजेपी सांसद होने के बावजूद जिले की स्वास्थ व्यवस्था आज भी बेपटरी है और जनता मूलभूत सुविधाओं के  अभाव से जूझ रही है.

इस तरह की यह पहली घटना नहीं है. इसी तरह की एक घटना में सोमवार को शहडोल ज़िले के सरकारी अस्पताल से एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण एक व्यक्ति को अपनी मां का शव बाइक पर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. एंबुलेंस नहीं मिलने के चलते शख्स को दाह संस्कार के लिए अपनी मां का शव ले जाने के लिए 50 किलोमीटर से अधिक दूर जाना पड़ा.

दरअसल अनूपपुर ज़िले की आदिवासी महिला जयमंत्री यादव को अचानक सीने में दर्द उठा तो एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसकी हालत बिगड़ने पर अनूपपुर ज़िला अस्पताल के अधिकारी उसे पड़ोसी ज़िले शहडोल के एक मेडिकल कॉलेज ले गए, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मौत के बाद महिला को एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुआ. लिहाजा उसके शव को मोटरसाइकिल से ले जाया गया.

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