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मध्य प्रदेश के जनजातीय संग्रहालय को विश्वस्तरीय बनाया जाएगा : शिवराज सिंह चौहान

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि भोपाल के आदिवासी संग्रहालय को विश्वस्तरीय बनाने के प्रयास किए जाएंगे. संग्रहालय में पर्यटक आ सकें, वहां रुकें और आराम से संग्रहालय देख सकें, इसकी व्यवस्था की जानी चाहिए.

इतना ही नहीं उन्होंने मानव संग्रहालय को पुनर्जीवित करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी पर्यटकों के ठहरने के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं. शिवराज चौहान मंत्रालय में संस्कृति विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे.

समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि नए संग्रहालय को उपयोगी बनाया जाए. उन्होंने कहा कि नए संग्रहालयों को उद्देश्यपूर्ण बनाया जाना चाहिए, जिसे नई पीढ़ी देख, जान और समझ सके. इसके साथ ही नई पीढ़ी इतिहास को और ज्यादा रोचक तरीके से अपने अंदर समाहित करें.

सीएम शिवराज ने कहा कि पर्यटक आकर्षित होकर आए और अपने आप को रोमांचित महसूस कर सके, इस तरह की तैयारी की जाए. पुराने संग्रहालय को भी रुचिकर और प्रेरक बनाया जाए ताकि लोग आकर्षित हो.

इसके अलावा अधिकारियों को निर्देश देते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि ओंमकारेश्वर में आचार्य शंकराचार्य की प्रतिमा की स्थापना और लेजर शो का कार्य प्रथम चरण को पूरा कर लिया गया है. वेदांत पीठ की स्थापना देश और दुनिया में मध्य प्रदेश के लिए एक अद्भुत निशानी होगी. इस कार्य की हर सप्ताह समीक्षा की जाएगी.

वहीं शिवराज चौहान ने कहा कि सलकनपुर मंदिर में भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काम किया जाए. उन्होंने आगे कहा कि राज्य में अद्वितीय प्राचीन संपदा है. इसकी महत्ता को सिद्ध करते हुए टूरिस्ट सर्किट बनाया जाए.

इंदौर में लाल बाग पैलेस के मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए इसे कुशाभाऊ ठाकरे सभागार (मिंटो हॉल) की तरह विकसित किया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने शिव प्रतिमाओं के अर्थ और परमवीर चक्र विजेताओं पर एक ब्रोशर पर केंद्रित एक पुस्तक “महादेव” का भी विमोचन किया.

बैठक में बताया गया कि आजादी का अमृत महोत्सव के लिए भारत सरकार की वेबसाइट पर समानांतर रूप से मध्य प्रदेश की प्रमुख गतिविधियां उपलब्ध करवा दी गई है. विशेष पिछड़ी जनजाति पर आधारित संग्रहालय के निर्माण का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है. जनजातीय कार्य विभाग के माध्यम से भरिया जनजाति का छिंदवाड़ा, बैगा जनजाति का डिंडोरी और सहरिया जनजाति का श्योपुर में सुनिश्चित किया गया है.

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