Mainbhibharat

मध्य प्रदेश: अर्थी ले जाने के लिए आदिवासियों को पैदल पार करनी पड़ी उफनती नदी

मध्य प्रदेश में सबसे विकसित कहे जाने वाले इंदौर ज़िले के एक गांव में विकास की पोल खोलता वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है. वीडियो में बारिश के दौरान आदिवासियों को एक बुजुर्ग की अर्थी को श्मशान तक पहुंचाने के लिए उफनती बरसाती नदी को रस्सियों के सहारे पार करते देखा जा सकता है.

जनजातीय संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (Jai Adivasi Yuva Shakti) के स्थानीय नेता भीम सिंह गिरवाल ने शुक्रवार को बताया कि यह घटना इंदौर से करीब 50 किलोमीटर दूर छापरिया ग्राम पंचायत क्षेत्र से सामने आई है.

यह इलाका सूबे की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर के महू विधानसभा क्षेत्र के तहत आता है.

गिरवाल ने बताया कि अधिक उम्र से जुड़ी स्वास्थ्यगत समस्याओं के चलते बिरजा भूरिया (85) का निधन हो गया था और दाह संस्कार के लिए उनकी अर्थी को श्मशान तक ले जाने के लिए आदिवासियों को एक बरसाती नदी को रस्सियों के सहारे पार करना पड़ा.

दरअसल गांव से मुक्तिधाम पहुंचने वाले मार्ग पर दो नाले और एक नदी पार करना पड़ती है. लेकिन पुलिया नहीं होने के कारण गांव के लोगों ने नदी को पार करने के लिए दोनों किनारों पर रस्सी बांधी और उसके सहारे नदी को पार किया गया.

ग्रामीणों ने बताया कि इस मार्ग पर गांव के बाहर 200 मीटर की पक्की सड़क बनी हुई, इसके बाद कच्चा रास्ता है. कई बार सरपंच, सचिव और अन्य अधिकारियों को अवगत कराया लेकिन आज तक नदी पर पुलिया नहीं बन पाई है.

भीम सिंह गिरवाल ने बताया कि इस मार्ग से गांव के बच्चों की स्कूल, बाजार और अस्पताल जाने का रास्ता है. हर दिन ग्रामीण जान जोखिम में डालकर गांव से बाहर जाते है.

अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (SDM) अक्षत जैन ने बताया कि जनपद पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) को निर्देश दिए गए हैं कि वह इलाके का जल्द मुआयना करें और नदी पर पुलिया बनवाने का काम शुरू कराएं ताकि ग्रामीणों को आइंदा दिक्कत न हो.

Exit mobile version