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औरत को नंगा कर पीटा, आदिवासी समाज के लिए शर्मनाक घटना

भील आदिवासियों में बहुविवाह बुरा नहीं माना जाता है. लेकिन यह सुविधा समाज सिर्फ आदिवासी मर्दों को ही देता है. यानि भील पुरुष एक से अधिक पत्नी रख सकता है लेकिन औरत को यह छूट नहीं है कि वो एक से अधिक पति रख सके.

औरत अगर ऐसा करे तो मर्द खून खराबे पर उतर आते हैं. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के झाबुआ ज़िले से रिपोर्ट हुआ है.

मध्य प्रदेश के झाबुआ ज़िले के रायपुरिया थाना क्षेत्र के रूपारेल गांव से शर्मसार कर देने वाली तस्वीर सामने आई है. रूपारेल गांव से एक आदिवासी महिला को अर्धनग्न करके और उसके पति के मारपीट का वीडियो सामनेआया है. जब सोशल मीडिया पर यह वीडिया तेज़ी से वायरल हुआ तो झाबुआ पुलिस हरकत में आई.

इस घटना के मात्र दो घंटे बाद ही झाबुआ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और आरोपियों की धरपकड़ शुरू की. पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

झाबुआ के पुलिस अधीक्षक अरविंद तिवारी ने गांव का दौरा किया और स्थानीय अधिकारियों से बात की. उन्होंनेबताया कि महिला को तब तक पीटा गया, जब तक वह बेहोश नहीं हो गई.

पेटलावद एसडीओपी सोनू डाबर ने बताया कि यह घटना झाबुआ ज़िला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूररूपारेल गांव की है. उन्होंने कहा कि गुरुवार दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे कुछ ग्रामीण युवकों ने एक महिला औरउसके पति के साथ मारपीट की.

वर्षमामलों की संख्या
20181,868 मामले
20191,922 मामले
20202,401 मामले
अनुसूचित जनजाति अत्याचार निरोधक क़ानून के तहत दर्ज मामले

उन्होंने बताया कि महिला ने कुछ महीने पूर्व अपने पहले पति मजरुह मेहरबान को छोड़ दिया था और वह मुकेशकटारा नाम के व्यक्ति के साथ रहने लगी थी. लेकिन बुधवार को वह अपने पहले पति के पास लौट गई.

ऐसा बताया जा रहा है कि मुकेश उसका दूसरा पति है. अधिकारी ने बताया कि मुकेश कुछ अन्य लोगों के साथगांव आया फिर उसने महिला और उसके पति की कथित रूप से पिटाई की. घटना की जानकारी मिलने के बादपुलिस गांव पहुंची और महिला को इलाज के लिए पेटलावद स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया.

पुलिस ने बताया कि इस मामले में फरियादी मजरुह मेहरबान की शिकायत पर मुख्य आरोपी मुकेश कटारा औरपांच अन्य लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि मुकेश सहित चार लोगों को हिरासत मेंलिया गया है.

आरोपियो के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 323, 294, 506, 364, 354 के तहत मामलादर्ज किया गया है. मजरूह और उसकी पत्नी मजदूर है. आरोपी मुकेश भी आदिवासी समाज का है.

मध्य प्रदेश में आए दिन आदिवासियों के खिलाफ अपराध के मामले सामने आते हैं. राज्य में आदिवासी समुदायोंके खिलाफ साल दर साल अत्याचार बढ़ रहा है.

मध्य प्रदेश ने 2018 और 2020 के बीच अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध के सबसे अधिक मामले दर्जकिए. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) के आंकड़ों के मुताबिक 2018 में कुल 1,868 मामले दर्ज किए गए. 2019 में यह संख्या बढ़कर 1,922 और 2020 में 2,401 (29 फीसदी) होगई.

इसके अलावा राज्य ने देश में आदिवासी महिलाओं से जुड़े बलात्कार के सबसे अधिक मामले भी दर्ज किए हैं. एनसीआरबी के अनुसार, मध्य प्रदेश में 2018 में 4,753 ऐसे मामले दर्ज किए गए, जो 2019 में बढ़कर 5,300 और फिर 2020 में 6,899 हो गए, जो लगभग 30 फीसदी की वृद्धि है

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