मध्य प्रदेश के इंदौर में सड़क पर मामूली विवाद के बाद एक आदिवासी युवक की सरेआम पिटाई कर के उसको जूते के फीते बांधने पर मजबूर किया गया.
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जिसके बाद इंदौर पुलिस ने आरोपी बदमाश को गिरफ्तार कर लिया है.
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त आनंद यादव ने बताया कि आरोपी रितेश राजपूत ने रविवार सुबह भंवरकुआं थाना क्षेत्र में गाड़ी चलाने के विवाद में एक आदिवासी व्यक्ति की कथित तौर पर पिटाई कर दी.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि राजपूत का आपराधिक इतिहास रहा है और उसके खिलाफ लूट और मारपीट के कम से कम 10 मामले लंबित हैं.
पुलिस नवंबर 2023 में राजपूत के खिलाफ तीन साल के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश (बाउंड ओवर) जारी किया था. लेकिन उसने इसका उल्लंघन करते हुए फिर से आपराधिक घटना को अंजाम दिया.
पुलिस आदिवासी युवक को प्रताड़ित किए जाने के मामले की जांच के लिए सोमवार देर शाम आरोपी को घटनास्थल पर ले गई. इस दौरान वह अपने कान पकड़ कर बार-बार यह कहता हुआ सुनाई दिया कि उससे गलती हो गई.
उन्होंने बताया कि रविवार की घटना को लेकर भारतीय न्याय संहिता और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत नया मामला दर्ज किया गया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, आरोपी रितेश राजपूत ने भंवरकुआं थाना क्षेत्र में सही तरीके से सड़क पर गाड़ी चलाने की बात को लेकर शुरू हुए विवाद में 22 साल के आदिवासी युवक के साथ रविवार सुबह मारपीट की और उसे प्रताड़ित किया.
आदिवासी युवक को सरेआम प्रताड़ित किए जाने की घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. फिर इस वारदात का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तब पुलिस ने एक्शन लिया.
वहीं अब इस मामले में कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को घेरा है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि इंदौर में पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद आपराधिक मामले लगातार बढ़ रहे हैं. साथ ही उन्होंने जिले के प्रभारी मंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव पर भी सवाल उठाए हैं.
आदिवासी उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उमंग सिंघार ने एक्स पर लिखा है कि ‘इंदौर के भंवरकुआं इलाके में सड़क पर ठीक से न चलने की बात पर एक आदिवासी युवक के साथ अकारण मारपीट की गई. बदमाश ने आदिवासी युवक की पिटाई करने के साथ उससे अपने जूते के लेस भी बंधवाए. आश्चर्य है कि इस बदमाश पर दर्जनभर मुकदमें दर्ज हैं फिर भी वो खुला घूम रहा था. इंदौर में पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद शहर में आपराधिक मामले लगातार बढ़ रहे हैं. एमपी के गृहमंत्री का प्रभार सीएम के पास है और अब तो वे इंदौर के प्रभारी मंत्री भी हैं. इसके बाद भी शहर में कानून व्यवस्था की हालत कैसी है, इसे समझा जा सकता है!’