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अमित शाह से मिलेंगे ITLF के नेता, मणिपुर के मौजूदा हालात पर होगी चर्चा

मणिपुर (Manipur) में तीन महीने पहले शुरू हुई हिंसा अब तक नहीं थमी है. राज्य में हिंसा को काबू करने के लिए 40 हज़ार से अधिक सुरक्षाकर्मी लगाए जा चुके हैं. इनमें सेना से लेकर असम राइफल्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और आईटीबीपी के जवान और अधिकारी शामिल हैं.

इसके बावजूद हिंसा रुक नहीं रही है. पिछले दो-तीन दिनों के दौरान नए सिरे से भड़की हिंसा में छह लोगों की मौत हो चुकी है.

इस बीच सूत्रों ने कहा कि मणिपुर के एक प्रभावशाली आदिवासी समूह इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) के प्रतिनिधि संघर्षग्रस्त राज्य के मौजूदा हालात पर चर्चा करने के लिए आज दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात कर रहे हैं.

इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री शाह और आद‍िवासी समूह के प्रत‍िन‍िध‍ियों के बीच अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.

सूत्रों ने बताया कि मणिपुर में जातीय समूहों का प्रतिनिधित्व कर रहे आईटीएलएफ का प्रतिनिधिमंडल शाह के निमंत्रण पर राष्ट्रीय राजधानी की यात्रा कर रहा है. आईटीएलएफ नेता मणिपुर के चुराचांदपुर से मिजोरम की राजधानी आइजोल पहुंचे, जहां वे लेंगपुई हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे.

मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर जारी एक पोस्ट में उम्मीद जताई कि इस बातचीत के सार्थक परिणाम निकलेंगे. उन्होंने कहा कि आईटीएलएफ नेताओं ने शनिवार को दिनभर आपस में चर्चा की और उनसे सलाह-मशविरा किया कि निमंत्रण स्वीकार किया जाए या नहीं.

जोरामथांगा ने कहा क‍ि मैंने सुझाव दिया कि उन्हें निमंत्रण स्वीकार करना चाहिए. मैंने उनसे कहा कि यह गृहमंत्री के साथ आमने-सामने बैठकर चर्चा करने का अच्छा अवसर है. इसके बाद आईटीएलएफ नेता सर्वसम्मति से शाह से मुलाकात करने के लिए राजी हो गए.

अमित शाह ने आईटीएलएफ नेताओं को मणिपुर की स्थिति पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में अपने साथ बैठक करने का निमंत्रण दिया था.

KPA ने मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस लिया

राज्य में जारी हिंसा के बीच कुकी पीपल्स अलायंस ने मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. पार्टी के अध्यक्ष टोंगमांग हाओकिप ने 6 अगस्त को राज्यपाल अनुसुइया उइके को एक चिट्ठी लिखी. इसमें उन्होंने राज्यपाल को मौजूदा सरकार से अपना समर्थन वापस लेने के बारे में बताया.

हाओकिप ने चिट्ठी में लिखा, “मणिपुर के वर्तमान हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की सरकार को अब समर्थन देना सार्थक नहीं है. इस पत्र के जरिए कुकी पीपल्स अलायंस मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस लेती है. हमारे समर्थन को अमान्य माना जाए.”

मणिपुर में 3 मई के बाद भड़की हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. 50 हज़ार से ज़्यादा लोग विस्थापित हुए हैं. बड़ी तादाद में लोगों के घर जला दिए गए हैं. राज्य में खून-खराबे के कई दौर के बाद भी हिंसा थमती नजर नहीं आ रही है.

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