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मणिपुर: आदिवासी संगठन ने दो दिन बाद अनिश्चितकालीन बंद वापस लिया


मणिपुर (Manipur) में कुकी समुदाय के प्रमुख संगठन इंडीजनस ट्रायबल लीडर्स फोरम आईटीएलएफ (ITLF) ने दो युवकों की हत्या और एक अन्य संबंधित मामले में केंद्रिय जांच ब्यूरो (CBI) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा की गई पांच आदिवासियों की गिरफ्तारियों के विरोध में दो दिन पहले चुराचांदपुर में आहूतकिए गए अनिश्चितकालीन बंद को मंगलवार की शाम को वापस ले लिया है.


आंदोलन के बाद आईटीएलएफ ने कहा की स्थिति को देखते हुए वह बाद में फैसला करेंगे की क्या और एक “गहन आंदोलन” की जरुरत है या नहीं. आदिवासी संगठन ने एक बयान में बताया की काफी गंभीरता से विचार-विमर्श के बाद आईटीएलएफ द्वारा अनिश्चितकालीन आंदोलन को मंगलवार शाम 6 बजे समाप्त करवाया गया है.


बयान में कहा गया है कि आईटीएलएफ की एक महिला विंग द्वारा चलाए जा रहे धरना को अगले हफ्ते से शुरु किया जाएगा.


क्या है पूरा मामला
जिस घटना ने इस विरोध प्रर्दश को जन्म दिया…वह दो युवकों, 20 साल के फिजाम हेमजीत और 17 साल की हिजाम लिनथोइनगांबी की हत्या की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद की थी.
ये दोनों मैतेई समुदाय से ताल्लुक रखते थे.

इंफाल में 6 जुलाई से अपने घरों से लापता इन दो युवाओं की हत्या के मामले में रविवार को सीबीआई ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था.यह गिरफ्तारियां इन दो छात्रों के शव दिखाने वाली तस्वीरें सामने आने के बाद मैतेई बहुल घाटी इलाकों में व्यापक और उग्र विरोध प्रदर्शन के बाद हुईं.


दोनों छात्रों की हत्या के पहले और बाद की तस्वीरें राज्य में इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से बहाल होने के बाद 25 सितंबर को सामने आईं. हालांकि, इस घटना के बाद इंटरनेट सेवाएं एक बार फिर बंद कर दी गईं.


मणिपुर में 3 मई से मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसक संघर्ष चल रहा है. इस जातीय हिंसा में अभी तक 170 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं हज़ारों लोगों को अपना घर छोड़कर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

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