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दुर्गा पूजा उत्सव के बीच बेटियों पर अत्याचार

दुर्गा पूजा का समय देशभर में नारी शक्ति और सम्मान का प्रतीक माना जाता है लेकिन कुछ इलाकों में यह उत्सव महिलाओं के लिए असुरक्षा का भी समय बन गया.

जिस समय देवी दुर्गा की पूजा की जा रही थी उसी समय आदिवासी इलाकों से दो दर्दनाक घटनाएं सामने आईं जिन्होंने देश को झकझोंर कर रख दिया.

ओडिशा के मलकानगिरी और झारखंड के गोड्डा जिलों में दो युवतियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं सामने आई हैं.

मलकानगिरीः अपराधी अब भी फरार

ओडिशा के मलकानगिरी में एक 19 वर्षीय आदिवासी युवती के साथ दुष्कर्म हुआ.

पुलिस ने बताया कि शनिवार को जब यह घटना घटी तब पीड़िता घर पर अकेली थी क्योंकि उसकी मां नहीं है और उसका पिता मछली पकड़ने के लिए बाहर गया हुआ था.

ये घटना तब हुई जब गांव के लोग दुर्गा पूजा मनाने में व्यस्त थे.

घटना के बाद रविवार को पुलिस में शिकायत दर्ज की गई लेकिन 26 वर्षीय आरोपी फरार है.

पुलिस का कहना है कि आरोपी को ढूंढने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है ताकि उसको गिरफ्तार किया जा सके.

गोड्डाः तुरंत कार्रवाई कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया

दूसरी घटना झारखंड के गोड्डा जिले में घटी जहां 14 वर्षीय आदिवासी लड़की के साथ तीन लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया.

यह घटना 12 अक्टूबर को दुर्गा पूजा मेले से लौटते समय हुई.

पीड़िता ने घर पहुंचकर अपने माता-पिता को घटना की जानकारी दी जिसके बाद उसकी मां ने 13 अक्टूबर यानि रविवार को पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई.

गोड्डा के SP अनिमेष नथानी ने बताया कि पुलिस ने 24 घंटे के भीतर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

पीड़िता का मेडिकल परीक्षण भी कराया गया है हालांकि अभी जांच की रिपोर्ट नहीं आई है.

मलकानगिरी मामले में फरार आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करना पुलिस और प्रशासन के लिए चुनौती है जबकि गोड्डा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई से उदाहरण पेश किया है.

दुर्गा पूजा जैसे त्योहार जहां नारी शक्ति की पूजा की जाती है उसी समय महिलाओं के साथ ऐसे घृणित अपराध समाज की दोहरी सोच को उजागर करते हैं.

जिस समय नारी को देवी की तरह पूजा जाता है अगर देश की नारी तब भी सुरक्षित नहीं है तो आखिर वह कब और कहां खुद को सुरक्षित महसूस कर पाएगी.

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