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छत्तीसगढ़ में बढ़ी RSS की सक्रियता, बीजेपी के लिए क्यों महत्वपूर्ण है मोहन भागवत का दौरा

RSS प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं, संघ प्रमुख 3 दिन तक छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के दौरे पर रहेंगे. इस दौरान जशपुर और अंबिकापुर में आयोजित कई कार्यक्रमों में मोहन भागवत शामिल होंगे.

पिछले कुछ समय से छत्तीसगढ़ में संघ की सक्रियता बढ़ गई है और पिछले दो महीने में मोहन भागवत का यह राज्य का दूसरा दौरा है. ऐसे में मोहन भागवत का छत्तीसगढ़ दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

आरएसएस लगातार आरोप लगाता रहा है कि छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर अनुसूचित जनजातियों के लोगों का धर्मांतरण कराया जाता है. उनकी इस यात्रा से राज्य में संघ परिवार के विस्तार को बढ़ावा मिलने की संभावना है. इसके अलावा 31 फीसदी से अधिक आदिवासी आबादी वाले राज्य में अगले साल होने वाले चुनावों में बीजेपी को भी वापसी की उम्मीद दिख रही है.

संघ प्रमुख का छत्तीसगढ़ दौरा

मोहन भागवत सोमवार को सुबह 12 बजे भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर संघ के पथ संचलन और शोभायात्रा में शामिल होंगे. दोपहर 2 बजे जशपुर के रणजीता स्टेडियम में दिवंगत हिंदूवादी भाजपा नेता दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. दोपहर 2:30 से 04:30 तक रणजीता स्टेडियम में जनजातीय गौरव दिवस सभा को संबोधित करेंगे.

उसके बाद 15 नवंबर को संघ के पथ संचलन में सरगुजा के जिला मुख्यालय अंबिकापुर में मोहन भागवत शामिल होंगे. इसी दिन संघ के सार्वजनिक कार्यक्रम में संघ प्रमुख का मंच से संबोधन होगा. वह गुरुवार को अपने दौरे के समापन से पहले 16 नवंबर को अंबिकापुर में संघ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक की अध्यक्षता करेंगे.

क्यों महत्वपूर्ण है यह दौरा

दरअसल, अगले साल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होना हैं. ऐसे में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले बीजेपी के पक्ष में वोट के मोबलाइजेशन के लिए संघ एक्टिव हो गया है. संघ और बीजेपी के एजेंडे में इस विधानसभा चुनाव में शराबबंदी, कानून-व्यवस्था और रोजगार के अलावा प्रमुखता से हिंदुत्व और धर्मांतरण है.

संघ प्रमुख मोहन भागवत स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण करने वाले हैं. संघ के हिंदुत्व और धर्मांतरण के एजेंडे को इसी से समझा जा सकता है कि स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव को धर्मांतरण कर चुके हजारों हिंदुओं की घर वापसी कराने के लिए छत्तीसगढ़ में जाना जाता है. जिससे उनका यह दौरा अहम माना जा रहा है.

आदिवासी अंचलों में संघ एक्टिव

आदिवासियों के मसले पर भी विपक्ष में बैठी बीजेपी लगातार कांग्रेस सरकार को टारगेट करने में जुटी है. आदिवासी आरक्षण के मसले पर बीजेपी लगातार कांग्रेस पर हमलावर है. लेकिन संघ अपनी अलग लामबंदी में है. अपने अनुसांगिक संगठनों के जरिए पिछले दिनों में संघ आदिवासी अंचलों में बेहद तेज़ी से एक्टिव हुई है.

जनजातीय गौरव दिवस सभा में संघ प्रमुख मोहन भागवत का संबोधन भी आदिवासियों को बीजेपी के पक्ष में मोबलाइज करने वाला हो सकता है. जशपुर में आयोजित कार्यक्रम में राज्य के पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह के साथ ही प्रदेश बीजेपी से जुड़े लगभग सभी बड़े नेता मौजूद रहेंगे. ऐसे में संघ एक मैसेज भी देने की कोशिश करेगा कि छत्तीसगढ़ में संघ और संगठन में समन्वय है.

राजनैतिक रूप से बीजेपी को फायदा

बीजेपी के एक नेता ने बताया कि आरएसएस प्रमुख बहुत बड़े आदमी हैं. उनके आने से पूरे इलाके में फर्क पड़ेगा. क्योंकि पहले तो वो बीजेपी के बैकबोन कहे जाने वाले आरएसएस की बैठक लेंगे. उसमें नए विजन और सक्रियता से काम करने की योजना बनेगी. धर्मांतरण, डिलिस्टिंग जैसे अहम मुद्दे पर योजना बनेगी.

उन्होंने कहा कि इतने बड़े आदमी के कहने पर लोग मन से योजना के विस्तार में जुड़ जाएंगें. उन्होंने बताया कि भागवत के आने की योजना 5 महीने से बन रही थी. उन्होंने ये भी बताया कि उनके आने से राजनैतिक रूप से बीजेपी की पकड़ और सामाजिक रूप से संघ की पकड़ पूरे इलाके में मजबूत बनेगी.

(File Photo: PTI)

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