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मैसूर के एचडी कोटे में त्वचा रोग आदिवासियों को कर रहा है परेशान

कर्नाटक के मैसूर जिले के एचडी कोटे तालुक में अस्वच्छ रहने की स्थिति और जीवन शैली के कारण आदिवासी आबादी में कई को त्वचा रोग हो गया है. स्वास्थ्य देखभाल की खराब पहुंच सिर्फ उनके संकट को बढ़ा रही है.

मैसूर जिला त्वचा विशेषज्ञ संघ द्वारा बेल्टूर ग्राम पंचायत सीमा के तहत मारानाहाडी आदिवासी बस्ती में किए गए एक त्वचा रोग जांच शिविर से पता चला है कि संपर्क जिल्द की सूजन, खुजली और मुँहासे वल्गरिस आदिवासी आबादी में बड़े पैमाने पर हैं.

स्क्रीनिंग कैंप में करीब 300 आदिवासियों ने हिस्सा लिया. डॉक्टरों के मुताबिक शिविर में कई महिलाओं में खुजली का पता चला था और अब उनका मुफ्त इलाज किया जा रहा है.

एचडी कोटे तालुक के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रवि कुमार ने कहा, “शिविर में हमने पाया कि लगभग 50 आदिवासी कई त्वचा रोगों से पीड़ित थे. उनमें से 25 महिलाएं खुजली से पीड़ित पाई गईं.”

डॉक्टर कुमार ने कहा, “हमने एसोसिएशन के सहयोग से यहां यह शिविर आयोजित किया. सबसे बड़ी चुनौती व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के प्रति जागरूकता पैदा करना है. इसलिए हमने लोगों से खुद को साफ रखने को अधिक महत्व देने का आग्रह किया.”

उन्होंने कहा, “हमने त्वचा रोगों से पीड़ित सभी रोगियों को छह महीने के लिए दवाएं और व्यक्तिगत स्वच्छता देखभाल सामग्री वितरित की.”

इस स्क्रीनिंग कैंप में डॉक्टर बीएल नंजुंदा स्वामी, चिकित्सा अधीक्षक केआर अस्पताल, त्वचा विशेषज्ञ डॉक्टर दयानंद, डॉक्टर एच बंगारू, डॉक्टर सुरेंद्रनाथ और अन्य शामिल थे.

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