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नागालैंड : आदिवासी कर रहें है मतगणना की तारीख बदलने की मांग

नागालैंड (Nagaland) के कोनयाक समुदाय (Konyak Naga community ) ने चुनाव आयोग (Election commission) से तापी विधानसभा क्षेत्र (tapi assembly constituency) के मतगणना (vote counts) की तारीख को बदलने का आग्रह किया है.

भारत निर्वाचन आयोग (election commission) ने राज्य के तापी निर्वाचन क्षेत्र में वोटों की गणना की तारीख 3 दिसंबर, रविवार तय की है.

रविवार का दिन ईसाई धर्म में पवित्र माना गया है. वहीं राज्य में 95 प्रतिशत आदिवासी सहित कई लोग ईसाई धर्म को मानते हैं.

इस दिन ईसाई समुदाय के सभी लोग मिलकर गिरजाघर में इकट्ठा होते है और धार्मिक मान्यतों के अनुसार पूजा पाठ, उपासना करते हैं. यह दिन ईसाई धर्म के मान्यताओं से जुड़ा हुआ है.

यही कारण है की कोनयाक समुदाय ने चुनाव आयोग से 3 दिसंबर, रविवार के दिन को बदलने को कहा है.

इसी सिलसिलें में 3 नवंबर को कोन्याक समुदाय के अध्यक्ष तिंगथोक कोन्याक और सहायक महासचिव एन. चिंगनीम कोन्याक ने मोन जिले के उपायुक्त को एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने ये उल्लेख किया, “ हमारा मानना है की लोगों की भावनाओं और धार्मिक प्रार्थनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए.

रविवार का दिन ईसाई धर्म के लिए प्रार्थना का दिन है. इसके अलावा यह क्षेत्र भी ईसाई समुदाय के जीवन में केंद्रीय भूमिका निभाता है.

इसलिए इस विशेष दिन पर मतगणना होने से कई लोगों की प्रार्थनाएं बाधित हो जाएंगी.

इस पत्र को मोन के उपायुक्त अजीत कुमार वर्मा ने नागालैंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेज दिया है.

यह उपचुनाव इसलिए करवाया जा रहा है क्योंकि हाल ही में तापी सीट के विधायक नोके वांगनाओ की मृत्यु हुई थी. यह नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के प्रतिनिधि थे.

जिसके बाद इस सीट के लिए एकमात्र अन्य उम्मीदवार कांग्रेस के वांग्लेम कोन्याक ही रह जाते हैं.

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