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झारखंड में आदिवासी लड़की से मारपीट के मामले में NHRC का राज्य सरकार और डीजीपी को नोटिस

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने गुरुवार को झारखंड (Jharkhand) सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को मीडिया में प्रसारित उन खबरों को लेकर नोटिस भेजा है, जिसमें एक आदिवासी लड़की के अपने परिवार के पसंद के लड़के से शादी करने से मना करने के बाद उसके साथ कथित तौर पर मारपीट की गई, सिर मुंडवाया दिया और गले में जूते की माला डालकर गांव में घुमाया गया.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक बयान में कहा कि कथित घटना झारखंड के पलामू जिले में जोगिडीह ग्राम पंचायत के फरमान पर हुई.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में जिस बात का जिक्र किया गया है अगर उसमें सच्चाई है तो ग्राम पंचायत के इशारे पर पीड़िता के मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया है.

आयोग के मुताबिक, एनएचआरसी ने मीडिया की उन खबरों का स्वत: संज्ञान लिया और कहा, ‘इस तरह के एक अनैतिक और गैरकानूनी कृत्य करने वाले अपराधियों को कानून के शासन द्वारा शासित एक सभ्य समाज में बख्शा नहीं जा सकता है.’

आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. जिसमें पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी की स्थिति, पीड़ित लड़की का मेडिकल ट्रीटमेंट और मुआवजा आदि के बारे में जानकारी मांगी गई है.

NHRC के अधिकार पैनल ने कहा कि अधिकारियों से रिपोर्ट में पीड़ित को दिए गए मुआवजे की किस्त की स्थिति के बारे में भी डिटेल्स मांगी है, जो अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार इसके लिए पात्र है. आयोग इस शर्मनाक घटना के लिए जिम्मेदार दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी जानना चाहेगा.

दरअसल, बीते 16 मई को पलामू के पाटन इलाके में एक आदिवासी युवती के बाल काटने और चूने का टीका लगाकर घुमाने का मामला सामने आया था. कथित तौर पर युवति ने परिजनों की पसंद से शादी करने से इनकार कर दिया था और 19 अप्रैल को शादी के दिन घर से भाग गई थी.

इससे दूल्हा और उसके परिजन खासे नाराज थे. 20 दिन बाद गांव लौटी तो उसे सजा दिलाने के लिए पंचायत की बैठक बुलाई गई. पंचायत ने युवती के बाल काटने और चूना का टीका लगाकर गांव में घुमाने का फरमान सुनाया.

रिपोर्ट के मुताबिक, “युवती को प्रताड़ित करने और गांव में घुमाने के बाद उसे रात में जंगल में छोड़ दिया गया, जहां से पुलिस ने उसे अगले दिन बरामद किया और अस्पताल में भर्ती कराया. कथित तौर पर उसके माता-पिता की आठ साल पहले मृत्यु हो गई थी और वह भाई और दो बहनों के साथ रह रही थी.”

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