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केरल के 5000 आदिवासी छात्रों के पास इंटरनेट कनेक्शन नहीं है

केरल के 12 जिलों में 189 आदिवासी बस्तियों को  इंटरनेट की बेहद कम या ना के बराबर सुविधा मिल रही है. केरल के सभी जिलों में से सबसे ज्यादा आदिवासी इडुक्की और कन्नूर जिलें मे रहते हें. 

इडुक्की की बात करें तो इसमें 75 आदिवासी क्षेत्र है. वहीं कन्नूर के 19 क्षेत्रों में आदिवासी बसे हुए है. केरल के इन दोनों ही क्षेत्रों में 3000 से भी ज्यादा आदिवासी विद्यार्थी है. 

वहीं केरल के 12 जिलों में 5000 से भी ज्यादा आदिवासी विद्यार्थी मौजूद है. ये सभी छात्र और छात्रांए इस आसुविधा से  रहे जूझ रहे हैं. इससे पहले केरल कोर्ट ने चिंता जाताते हुए कहा था कि आज के युग में इंटरनेट शिक्षा के बेहद ज़रूरी सुविधा है. वहीं शिक्षा का आधिकार हमारा मौलिक आधिकार है और ये सभी को समान रुप से मिलना चाहिए.

KFON  प्रोजेक्ट :- इटरनेट है सभी का मूल आधिकार

दक्षिण के राज्य केरल में गठबंधन वाम मोर्चा (LDF) द्वारा 5 जून को केरल फाइबर ऑप्टिकल नेटवर्क (KFON) प्रोजेक्ट की शुरूआत की गई थी. इसका उद्देश्य था की 20 लाख ऐसे लोगों को इंटरनेट सुविधा दी जाएं जो गरीबी रेखा से नीचें आते हैं. 

इस पूरे प्रोजेक्ट में 1548 करोड़ का खर्चा किया गया था. लेकिन समस्या ये है कि इंटरनेट की ये सुविधा आदिवासी लोगों तक नहीं पहुंच पा रही हैं. 

अनुसूचित जनजाति विकास ने दिया अश्वासन

अनुसूचित जनजाति विकास के निदेशक मुराली एम. नायर ने यह अश्वासन दिया है कि दिसंबर 2023 तक इन सभी आदिवासी क्षेत्रों में टावर लगा दिया जाएगा. 

फिलहाल अभी वन विभाग की तरफ से अनुमति का इंतजार किया जा रहा है. दरअसल इन सभी क्षेत्रों में वन आधिकार अधिनियम लागू होते हैं. 

इसलिए इन क्षेत्रों में कोई भी गातिविधि करने से पहले वन विभाग से मंजूरी लेना आवश्यक हो जाता है. टावर लगते ही इन सभी कॉलोनी के मोबाइल और कंप्यूटर में 4 जी सिर्विस दी जाएगी.

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