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झारखंड : अब संताली भाषा के आदिवासी छात्रों को मुफ्त में मिलेगी UPSC की कोचिंग

27 दिसम्बर से झारखंड के रांची में स्थित डॉ. रामदयाल मुण्डा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान (Dr. Ramdayal Munda Tribal Welfare Research Institute) की ओर से आदिवासी समुदाय के युवक- युवतियों के लिए UPSC यानि संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) और समकक्ष प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराई जा रही है.

इसके लिए संस्थान की ओर से निःशुल्क (गैर आवासीय) ‘‘संताली भाषा कोचिंग’’ (Santali Language Coaching) का शुभारंभ किया गया है.

डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण अनुसंधान संस्थान के द्वारा शुरु की गई संताली भाषा की कोचिंग 4 महीने चलेगी. जिसके लिए अब तक 30 विद्यार्थी नामांकन कर चुके है.

वैसे संस्थान की यह स्पेशल कोचिंग शुरु करने का उद्देश्य आदिवासी यूपीएससी प्रत्याशियों को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल संताली भाषा की परीक्षा में सफल बनाना है.

दरअसल, संताल भाषा की विशेषता यह है कि मुंडारी परिवार की भाषा बोलने वाले मुंडारी (Mundari), हो (Ho), खड़िया (Khadiya), असुरी (Asuri), बिरहोरी (Birhori), बिरजिया (Birjia), स्वासी (Swasi) आदि समुदायों के प्रत्याशियों को संताल भाषा की परीक्षा की तैयारी करने में कठिनाई नहीं हो सकती है.

क्योंकि इन सुमदायों की मातृभाषा संताली भाषा के समान है इसलिए इन सुमदायों के प्रत्याशियों को संताल भाषा की परीक्षा में कोई कठिनाई नहीं होगी.

कोचिंग में अगल कक्षाएं

संताल भाषा की कोचिंग के लिए संस्थान गैर-मुंडारी समुदाय के प्रत्याशियों के लिए अलग से कक्षाएं संचालित करेगा ताकि गैर-मुंडारी समुदाय से ताल्लुक़ रखने वाले प्रत्याशी संताली भाषा को आसानी से सीखने के साथ ही जल्द से जल्द संस्थान के चुने गए पाठ्यक्रम की तैयारी में शामिल हो सकें.

संताली भाषा कोचिंग के लिए पाठ्यक्रम (curriculum) को लेक्चरार डुमनी माई मुर्मू (lecturers Dumani Mai Murmu), डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के संथाली भाषा विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर फ्रांसिस सी.

मुर्मू एवं डॉ. संतोष मुर्मू (Assistant Professor of Santali Language Department of Dr. Shyama Prasad Mukherjee University, Dr. Francis C. Murmu and Dr. Santosh Murmu) आदि के द्वारा बनाया गया है.

इसके साथ ही डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण अनुसंधान संस्थान के संथाल भाषा कोचिंग के पाठ्यक्रम को विशेष रूप से यूपीएससी और समकक्ष परीक्षाओं(equivalent examinations) को ध्यान में रखकर बनाया गया है.

पाठ्यक्रम में शामिल किताबें

संस्थान ने संताल भाषा की कोचिंग के पाठ्यक्रम में प्रोस (prose), कविता, उपन्यास (novels), कहानी, नाटक, जीवनी (biography) आदि विभिन्न लेखकों के द्वारा लिखी गई किताबें शामिल की है.

संस्थान के अन्य कार्यक्रम

डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण अनुसंधान संस्थान, संताली भाषा की कोचिंग के अलावा भी प्रत्याशियों के लिए जनवरी के दूसरे हफ्ते से दो और कोचिंग कार्यक्रम शुरु करने जा रहा है.

इन कार्यक्रम में जो आदिवासी युवाओं राज्य लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है उनके लिए “निःशुल्क गैर-आवासीय कार्यक्रम” और पीवीटीजी यानी विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के युवाओं के लिए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए “निःशुल्क आवासीय कोचिंग” कार्यक्रम शामिल है.

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