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नुआपाड़ा उपचुनाव में बीजेपी, बीजेडी और कांग्रेस आदिवासी वोटों को लुभाने की होड़ में

ओडिशा के नुआपाड़ा विधानसभा सीट के लिए 11 नवंबर को उपचुनाव होना है. ऐसे में भाजपा, बीजद और कांग्रेस आदिवासी मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में लग गई हैं. क्योंकि इस निर्वाचन क्षेत्र के कुल मतदाताओं में आदिवासी मतदाताओं की संख्या 33 प्रतिशत से ज़्यादा है.

दरअसल, बीजद विधायक राजेंद्र ढोलकिया के निधन के बाद यह उपचुनाव कराया जा रहा है.

कांग्रेस ने नुआपाड़ा से स्थानीय आदिवासी घासीराम माझी को मैदान में उतारा है, वहीं बीजद उम्मीदवार स्नेहांगिनी छुरिया अनुसूचित जाति समुदाय से हैं. जबकि बीजेपी ने सामान्य वर्ग के उम्मीदवार जय ढोलकिया को मैदान में उतारा है.

2024 के विधानसभा चुनावों में बीजेडी के राजेंद्र ढोलकिया ने यह सीट जीती थी. उन्होंने घासीराम मझी को हराया था, जो कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़े थे. बीजेपी तीसरे स्थान पर रही थी.

नुआपाड़ा में आदिवासियों की अहम भूमिकाओं को देखते हुए सभी पार्टियों ने उन्हें लुभाने के लिए अपनी-अपनी रणनीति तैयार की है.

यहां की 2.53 लाख की मतदाता सूची में आदिवासी मतदाता 33.80 प्रतिशत हैं.

आदिवासी मतदाताओं को साधने के लिए बीजेडी ने आदिवासी समाज भवन, तनुआट, नुआपाड़ा में आदिवासी सम्मेलन आयोजित किया था.

बीजद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष देबी प्रसाद मिश्रा ने कहा, “बड़ी संख्या में आदिवासी नेताओं और आदिवासी समुदाय के सदस्यों ने हमारे सम्मेलन में हिस्सा लिया और बीजद उम्मीदवार के प्रति अपना समर्थन खुलकर व्यक्त किया.”

देबी प्रसाद ने दावा किया कि नवीन पटनायक ने हमेशा आदिवासी आबादी के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता दी.

वहीं जनजातीय सम्मेलन में अपने संबोधन में बीजद उम्मीदवार स्नेहांगिनी छुरिया ने वर्तमान भाजपा सरकार के तहत आदिवासियों की बिगड़ती स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की.

छुरिया ने कहा, “भाजपा शासन में आदिवासी समुदाय असुरक्षित महसूस कर रहा है. हिंसा, शोषण और अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिनमें आदिवासी स्कूल छात्रावासों में यौन उत्पीड़न के मामले भी शामिल हैं. बीजद आदिवासियों के सम्मान, सुरक्षा और अधिकारों के लिए लड़ता रहेगा.”

इसके साथ ही बीजद ने नुआपाड़ा के प्रमुख आदिवासी नेता और जिला परिषद सदस्य भानु प्रताप सिंह माझी के निष्कासन आदेश को रद्द कर दिया है. पिछली बार आधिकारिक उम्मीदवार का विरोध करने के कारण उन्हें 2024 में क्षेत्रीय पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था.

उधर सत्तारूढ़ बीजेपी जिसने दिवंगत बीजेडी विधायक राजेंद्र ढोलकिया के बेटे जय को उम्मीदवार बनाया है. उन्होंने भी आदिवासियों को रिझाने के कई कदम उठाए हैं.

बीजेपी यह बताते हुए प्रचार कर रही है कि पार्टी ने आदिवासियों को कैसे प्रोत्साहित किया है — इसका उदाहरण हैं ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरन मझी (एक आदिवासी नेता) और भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू.

साथ ही भाजपा नेता लोगों को यह भी याद दिला रहे हैं कि ओडिशा के सुंदरगढ़ से सांसद और आदिवासी नेता जुएल ओराम केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री हैं.

भाजपा प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने समुदाय के कल्याण के लिए एक अलग जनजातीय मामलों का मंत्रालय खोला था और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासियों के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की है.”

उन्होंने दावा किया कि आदिवासी अब समझ गए हैं कि उनका असली दोस्त कौन है. बिस्वाल ने दावा किया कि उन्होंने कांग्रेस और बीजद दोनों को नकार दिया है.

प्रमुख आदिवासी नेता भुजबल अदाबांग, जिन्होंने 2024 के विधानसभा चुनावों में नुआपाड़ा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 5,655 वोट हासिल किए थे… वो बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए, जिससे उपचुनावों से पहले बीजेपी को बल मिला.

वहीं आदिवासी समुदाय से आने वाले कांग्रेस उम्मीदवार घासीराम माझी ने दावा किया कि उन्हें अतीत में लड़े गए प्रत्येक चुनाव में आदिवासियों का आशीर्वाद मिला है और उन्हें इस चुनाव में भी समुदाय से इसी तरह का प्यार और स्नेह मिलता रहेगा, इसकी उन्हें पूरी उम्मीद है.

माझी ने कहा, “उपचुनाव में एक आदिवासी को उम्मीदवार बनाकर यह साबित होता है कि कांग्रेस ही इस समुदाय की सच्ची हितैषी है. बीजद और भाजपा, दोनों ने ही आदिवासियों को नुकसान पहुँचाया है और उन्हें दशकों तक पिछड़ा रखा है.”

आदिवासी मतदाताओं को लुभाने के लिए ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने पार्टी उम्मीदवार घासीराम माझी के साथ नुआपाड़ा के तारबोड़ गाँव में गिरि गोवर्धन पूजा में भाग लिया.

दास ने कहा, “आदिवासी हमेशा से कांग्रेस से प्यार करते रहे हैं और इस बार उन्होंने अपने समुदाय के किसी सदस्य को उनके लिए लड़ने के लिए विधानसभा भेजने का फैसला किया है.”

नुआपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव में कुल 14 उम्मीदवार मैदान में हैं.

आठ निर्दलीय उम्मीदवार भी दौड़ में हैं: आश्रय महंदन, चक्रंता जेना, भुवन लाल साहू, किशोर कुमार बाग, नीता बाग, लक्ष्मीकांत तांडी, भक्तबंधु धरुआ और लोचन माझी.

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