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ओडिशा: नाबालिग आदिवासी लड़की से छेड़छाड़ के आरोप में डॉक्टर गिरफ्तार

ओडिशा के मयूरभंज जिले के पंडित रघुनाथ मुर्मू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (Pandit Raghunath Murmu Medical College and Hospital) में कार्यरत एक बाल रोग विशेषज्ञ को बारीपदा शहर पुलिस ने मंगलवार को एक आदिवासी नाबालिग लड़की को चेकअप के दौरान कथित रूप से छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. घटना के वक्त आरोपी डॉक्टर सौरव उपाध्याय कथित तौर पर नशे की हालत में था.

दरअसल जिले के बादसाही इलाके की लड़की बारीपदा शहर के पास एक आदिवासी आवासीय विद्यालय की छात्रा है. सोमवार को जब उसने सीने में दर्द की शिकायत की तो हॉस्टल की मैट्रॉन ने इसकी जानकारी छात्रा की मां को दी. इसके बाद फिर दोनों लड़की को लेकर पीआरएम एमसीएच ले गए.

जब वे अस्पताल की ओपीडी में इंतजार कर रहे थे तो डॉक्टर ने लड़की को चेकअप के लिए चेंबर में अकेले आने को कहा और उसने कथित तौर पर मां और मैट्रॉन को साथ जाने से रोक दिया. जब लड़की अंदर गई और चेकअप के लिए बिस्तर पर लेट गई तो डॉक्टर ने कथित तौर पर लड़की को गलत तरीके से छुआ और उसके साथ छेड़छाड़ की.

बच्ची रोती हुई बाहर आई और डॉक्टर के व्यवहार के बारे में अपनी मां को बताया. लड़की ने डॉक्टर पर चेकअप के दौरान उसे अनुचित तरीके से छूने का आरोप लगाया.

जब लड़की की मां ने डॉक्टर से इसके बारे में पूछा तो वह तर्क-वितर्क कर रहा था. दुर्व्यवहार के बारे में पूछे जाने पर डॉक्टर ने आरोप से इनकार किया और मां से बहस करने लगा. कथित तौर पर उसने कहा कि एक डॉक्टर रोगी की जांच जैसे चाहे वैसे कर सकता है. सूत्रों ने बताया कि लड़की के परिवार के अन्य सदस्य अस्पताल पहुंचे और शाम को बारीपदा थाने में डॉक्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी.

आईआईसी बीरेंद्र सेनापति ने कहा कि पुलिस ने मंगलवार को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम -2015 की धारा 354, 354 (ए), 294 के साथ आईपीसी की धारा 3 (1) (आर) (एस) (डब्ल्यू) (आई) के तहत मामला दर्ज किया.

बीरेंद्र सेनापति ने कहा, “उसे (डॉक्टर सौरव उपाध्याय) गिरफ्तार किया गया और विशेष पॉक्सो कोर्ट में पेश किया गया. बाद में उसकी जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.”

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