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ओडिशा: 9 नवंबर को बाजरा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया

कृषि और किसान सशक्तिकरण विभाग 9 नवंबर से ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में बाजरा पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी होगी. वहीं आधिकारिक सूत्रों ने बताया की ओडिशा बाजरा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने वाला पहला राज्य बन जाएगा.

सम्मेलन का विषय ‘बाजरा आधुनिक चुनौतियों का प्राचीन आनाज’ है. इस सम्मेलन में किसान सहभागिता गतिविधियाँ, उभरती प्रौद्योगिकियों और मशीनरी का प्रदर्शन, अनुभव केंद्र, तकनीकी सत्र, नीति गोलमेज सम्मेलन, बी2बी बैठकें, अंतर्राष्ट्रीय खाद्य उत्सव, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं, खाना पकाने की प्रतियोगिताएं और बहुत कुछ शामिल होंगे.

सरकारी बयान में कहा गया है की सम्मेलन में जनजातीय विरासत पर ध्यान केंद्रित होगा. जिसमें मिशन शक्ति महिला स्वयं सहायता समूहों (डब्ल्यूएसएचजी) की बाजरा उद्यमिता की सफलता की कहानियों को भी प्रदर्शित किया जाएगा.

ओडिशा बाजरा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के अधिकारी, दक्षिण पूर्व एशियाई और मध्य पूर्वी, अफ्रीकी देशों और यूरोपीय देशों के कृषि सलाहकार और कई अन्य राज्यों के कृषि सचिव और कई अन्य लोग शामिल होंगे.

वहीं सम्मेलन में आयोजित होने वाले कुल 31 तकनीकी और गैर-तकनीकी सत्र आयोजित किये जायेंगे. सम्मेलन के लिए नीतिगत गोलमेज सम्मेलन और अन्य देशों द्वारा अनुभव साझा भी किया जाएगा. कृषि-जैव विविधता, बाजरा और जनजातियों, होटलों के माध्यम से बाजरा को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण सत्रों की योजना बनाई गई है.

9 नवबंर को होने वाला सम्मेलन में रिकी केज जो की तीन बार के ग्रैमी पुरस्कार विजेता रह चुके है. उनके द्वारा जलवायु परिवर्तन और बाजरा पर एक अनूठा संगीत कार्यक्रम भी किया जाएगा.

प्रसिद्ध शेफ विकास खन्ना भी इस अवसर की शोभा को बढ़ाने और होटल, रेस्तरां, खाद्य ब्लॉगर्स, डब्ल्यूएसएचजी सदस्यों, बाजरा माताओं के साथ बाजरा व्यंजनों पर बातचीत करने के लिए सहमत हुए हैं. यह आदिवासी सुदायों के लिए गर्व की बात है.

विभाग के प्रमुख सचिव अरबिंद कुमार पाधी ने आदिवासी संस्कृति और उनकी ज्ञान प्रणालियों और खाद्य प्रणालियों के बीच सांस्कृतिक और मानवशास्त्रीय संबंधों पर भी प्रकाश डाला है.

उन्होंने कहा कि सम्मेलन में आदिवासी समुदायों की बाजरा विविधता और खाद्य पदार्थों और जलवायु-लचीला बाजरा फसल प्रणाली का भी प्रदर्शन किया जाएगा. विभाग ने कहा कि दुनिया में पहली बार, एशिया पैसिफिक एसोसिएशन फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूशंस के समग्र मार्गदर्शन के तहत कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के सहयोग से विकसित बाजरा पर एक फाउंडेशन गाइड भी जारी किया जाएगा. जिसमें कहा गया है कि यह पूरे विश्व में ओडिशा का ज्ञान उत्पाद योगदान होगा.

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