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झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन आदिवासियों के खिलाफ साजिश के शिकार: ओडिशा JMM प्रमुख

ओडिशा झामुमो प्रमुख और सिबू सोरेन की बेटी अंजलि सोरेन ने बदली हुई परिस्थितियों में कल्पना सोरेन द्वारा अपने पति हेमंत सोरेन से झारखंड के मुख्यमंत्री का पद संभालने की संभावना से इनकार नहीं करते हुए शुक्रवार को कहा कि उनके भाई के खिलाफ एक साजिश है.

अंजलि सोरेन, जो इस समय राज्य की राजधानी में हैं, उन्होंने दावा किया कि उनके भाई हेमंत आदिवासियों के खिलाफ साजिश का शिकार हैं.

उन्होंने कहा कि ब्रिटिश भारत छोड़कर चले गए हैं लेकिन आदिवासियों को अभी भी पीड़ा झेलनी पड़ रही है.

सोरेन ने कहा कि हर क्षेत्र में आदिवासियों को अत्याचार का सामना करना पड़ता है. झारखंड के सीएम को भी इसी अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है. आदिवासी मुख्यमंत्री होगा तो भाजपा और अन्य पार्टियों को आदिवासी संपत्ति नहीं मिलेगी. यह एक साजिश है.

यह पूछे जाने पर कि क्या कल्पना को अपने पति से सीएम पद की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, सोरेन ने कहा, ‘फिलहाल हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है. हालांकि, मैं इस संभावना से इंकार नहीं करती हूं.”

बदली हुई परिस्थितियों में अपनी पत्नी के झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने की संभावना को हेमंत सोरेन द्वारा खारिज करने के बावजूद ओडिशा के मयूरभंज जिले के रायरंगपुर उप-मंडल के लोग खुश हैं क्योंकि द्रौपदी मुर्मू के भारत के राष्ट्रपति बनने के बाद मिट्टी की एक और बेटी ने राष्ट्रीय समाचारों की सुर्खियों में जगह बनाई है.

कौन है कल्पना सोरेन?

कल्पना मयूरभंज के रायरुंगपुर उपमंडल के बहलदा ब्लॉक के तेंतला गांव की रहने वाली हैं. वह एक सेवानिवृत्त रक्षा कर्मी की सबसे बड़ी बेटी हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मयूरभंज के जिला मुख्यालय शहर बारीपदा में केंद्रीय विद्यालय से पूरी की.
कल्पना ने भुवनेश्वर के एक संस्थान से बीटेक की डिग्री और फिर एमबीए की डिग्री भी प्राप्त की हुई है.

हेमंत और कल्पना सोरेन की शादी 7 फरवरी 2006 को बारीपदा में संताल रीति-रिवाज के अनुसार हुई थी.

मयूरभंज जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष सुजाता मुर्मू ने कहा कि अगर कल्पना सोरेन झारखंड की मुख्यमंत्री बनती हैं, तो इससे उस राज्य के साथ-साथ ओडिशा में भी आदिवासी लड़कियों और महिलाओं का मनोबल बढ़ेगा.

JMM ने कल्पना के लिए सीट खाली की

वहीं दूसरी तरफ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने चुनाव आयोग से गांडेय विधानसभा उपचुनाव जल्द कराने की मांग की है.

जेएमएम विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे के कारण यह सीट खाली हुई है.

जिसके बाद से राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि उपचुनाव में गांडेय सीट से जेएमएम की ओर से सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को उम्मीदवार बनाया जा सकता है.

वहीं बीजेपी की ओर से राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को ज्ञापन सौंप कर यह मांग की गई है कि इस साल के अंत में झारखंड विधानसभा तय है इसलिए एक साल की कम अवधि के कारण गांडेय में उपचुनाव विधानसभा सीट के लिए नहीं कराया जाना चाहिए.

इसके बावजूद चुनाव होने की स्थिति में बीजेपी की ओर से उपचुनाव को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी है.

जेएमएम के एक शिष्टमंडल ने शुक्रवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार से मिलकर गांडेय विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव कराने का आग्रह किया है.

जेएमएम ने बताया कि 31 दिसंबर को गांडेय के विधायक डॉ. सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही साल के विधानसभा क्षेत्र का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 तक का है. 6 महीने से अधिक समय तक विधानसभा क्षेत्र बिना प्रतिनिधित्व के खाली रखना कानूनसम्मत नहीं है.

जेएमएम ने यह भी कहा कि 9 अक्टूबर 2018 को भारत निर्वाचन आयोग ने इससे संबंधित पत्र जारी किया है.

प्रतिनिधिमंडल में विधायक नलिन सोरेन, भूषण तिर्की और विलियम मरांडी के अलावा पार्टी के महासचिव विनोद पांडेय और सुप्रियो भट्टाचार्य मौजूद थे.

बीजेपी का आग्रह

जहां एक तरफ जेएमएम विधानसभा क्षेत्र के बारे में बात कर रहे है वहीं दूसरी तरफ बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को पत्र लिखकर गैर विधायक को मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं दिलाने का अनुरोध किया है.
बीजेपी सांसद ने इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश के बारे में बात की.

इसके अलावा बीजेपी नेताओं का कहना है कि सीएम हेमंत सोरेन ने दबाव डाल कर जेएमएम विधायक सरफराज अहमद का त्यागपत्र दिलाया है ताकि राजनीतिक परिस्थितियों के अनुसार कल्पना सोरेन को सीएम बनाया जा सके.

बीजेपी नेताओं का कहना है कि ईडी की तरफ से हेमंत सोरेन के खिलाफ जांच की जा रही है, इस कारण से मुख्यमंत्री को जेल जाने का डर लग रहा है.

वह इसी डर की कारण से कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री पद सौंपने की सारी कवायद चल रही है ताकि सीएम पद सोरेन परिवार के पास से ही रह सकें.

सरफराज अहमद का इस्तीफा

सरफारज अहमद ने साल 2019 के गांडेय विधानसभा सीट पर जेएमएम प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था.

वह साल 2019 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी जय प्रकाश वर्मा को हराकर करके खुद विजेता बने थे.

इसके अलावा अविभाजित बिहार के जमाने में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे सरफराज अहमद ने टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और जेएमएम टिकट पर चुनाव लड़ा था. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी को करीब नौ हजार मतों के अंतर से पराजित किया था.

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