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ओडिशा: आदिम जनजातियों में बाल विवाह रोकने की पहल, ‘लेट मैरिज’ इंसेंटिव को किया दोगुना

ओडिशा में विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों यानि पीवीटीजी में बाल विवाह को कम करने के लिए, राज्य के एसटी और एससी विकास विभाग ने इस साल ‘लेट मैरेज’ इंसेंटिव को दोगुना कर 20,000 रुपये कर दिया है. यह इंसेंटिव सिर्फ़ पीवीटीजी समुदायों की लड़कियों के लिए है.

ओडिशा सरकार ने आदिवासी समुदायों में बाल विवाह के मामलों को कम करने के लिए 2018-19 से Odisha PVTG Empowerment and Livelihoods Improvement Programme (OPELIP) के तहत यह योजना शुरु की थी.

OPELIP के कार्यक्रम निदेशक पी अर्थनारी ने द न्यू इंडयन एक्सप्रेस को बताया कि इनसेंटिव को 2018-19 और 2019-20 में 2,000 रुपये से शुरू किया गया था. पिछले साल इसे बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया. जब इसके सकारात्मक परिणाम दिखने लगे, तो अब इस साल इसे बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है.

इस योजना के तहत, यह इंसेंटिव ऐसी 180 लड़कियों को दिया जाएगा, जो 18 साल की उम्र के बाद शादी करती हैं. इनकी पहचान ग्राम विकास समितियों द्वारा की जाएगी, और स्थानीय सरपंच द्वारा वेरिफ़ाई किए जाने और आयु प्रमाण पत्र दिए करने के बाद, उनके खातों में पैसे डाले जाएंगे.

ओपेलिप इस साल से ऐसी पीवीटीजी लड़कियों के बैंक खातों में 20,000 रुपये ट्रांस्फ़र करेगा.

बोंडा आदिवासी समुदाय की एक महिला

ओडिशा में पीवीटीजी

ओडिशा में आदिवासियों की जनसंख्सया देश के किसी और राज्य की तुलना में सबसे ज़्यादा है. राज्य में कुल 62 आदिवासी समुदाय हैं, जिनमें से 13 को पीवीटीजी की श्रेणी में रखा गया है. इन पीवीटीजी समुदायों की कुल आबादी ढाई लाख है.

इन 13 पीवीटीजी समुदायों में बोंडा, बिरहोर, चुकतिया भुंजिया, दिदायी, डोंगरिया कोंध, हिलखड़िया, जुआंग, कुटिया कोंध, लंजिया साओरा, लोधा, मांकड़िया, पौड़ी भुयान और साओरा शामिल हैं.

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