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ओडिशा: तपती गर्मी में 100 सीटों के हॉस्टल में 240 आदिवासी छात्राएं रहने को मजबूर

ओडिशा (Odisha) में बढ़ते तापमान के बीच खबर सामने आई है कि सुंदरगढ़ (Sundargarh) के कोएडा ब्लॉक (Koida block) के स्वयंभा आवासीय विद्यालय (Swayambha residential school) के 100 सीटों वाले छात्रावास में 200 से अधिक आदिवासी लड़कियों को रखा गया है.

इस भीषण गर्मी में एक मंजिल वाले छात्रावास में इतनी छात्राओं को ठूंस कर रखने की वजह एक नए छात्रावास के निर्माण में देरी है, जिसका काम पिछले सात वर्षों से चल रहा है.

पिछले दो दिनों में एसटी और एससी विकास विभाग के स्वयंभा आवासीय विद्यालय की 34 छात्रों के डिहाइड्रेशन और फूड प्वाइजनिंग के कारण बीमार होने के बाद नए छात्रावास के निर्माण में अत्यधिक देरी सामने आई है.

घटना के लिए हॉस्टल में भीड़भाड़ को बताया जा रहा है. इस भीषण गर्मी में मौजूदा एक मंजिला छात्रावास में 240 छात्राएं रह रही हैं. जगह के अभाव में बीमार पड़ने वाली छात्राएं डाइनिंग हॉल में रहने को मजबूर हैं.

सूत्रों ने कहा कि रिमोट पॉकेट में एक और छात्रावास की तत्काल आवश्यकता को महसूस करते हुए सुंदरगढ़ प्रशासन ने 2016 में जिला खनिज फाउंडेशन (District Mineral Foundation) से 200 सीटों वाले नए छात्रावास के लिए 1.5 करोड़ रुपये मंजूर किए थे.

इसके बाद बोनाई की इंटीग्रेटेड ट्राइबल डेवलपमेंट एजेंसी (Integrated Tribal Development Agency) ने एक स्थानीय ठेकेदार को इस काम का ऑर्डर जारी किया. नया छात्रावास वैसे तो ज्यादा से ज्यादा छह महीने में पूरा हो जाना चाहिए था. लेकिन इसका निर्माण सात साल बाद अभी भी चल रहा है.

निर्माणाधीन छात्रावास भवन की स्थिति जानने के लिए शुक्रवार को सुंदरगढ़ के कलेक्टर पराग हर्षद गवली ने बोनाई आइटीडीए के नवनियुक्त प्रोजेक्ट एडमिनिस्ट्रेटर विश्वदर्शी साहू को तलब किया. कथित तौर पर कलेक्टर ने आईटीडीए को नए छात्रावास परियोजना को तुरंत पूरा करने और दोषी ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

वहीं विश्वदर्शी साहू ने कहा कि ठेकेदार को 26 अप्रैल को अंतिम माप के लिए उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया गया है और अनुबंध के दिशानिर्देशों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

बाकी बचे काम को पूरा करने के लिए मई के पहले हफ्ते तक नए सिरे से टेंडर के लिए आमंत्रित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सिविल निर्माण लगभग पूरा हो चुका है जबकि बिजली और पानी की के पाइपों की फिटिंग अभी बाकी है.

उधर अपनी आपबीती सुनाते हुए छात्रावास के कुछ छात्रों और महिला कर्मियों ने कहा कि गर्मी के दिनों में उनकी मुश्किलें और भी बढ़ जाती है क्योंकि दीवारें और कंक्रीट की छत लगातार, दिन और रात दोनों में गर्मी से तपती हैं.

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