Site icon Mainbhibharat

पन्ना के आदिवासी गांव में महामारी जैसे हालात

मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के पवई इलाके में भारी बारिश के बाद वायरल और मौसमी बीमारियों ने हमला बोल दिया है.

यहां के बम्होरी ग्राम पंचायत में डायरिया का प्रकोप इतना तेज हो गया है कि महामारी जैसे हालात बन गए हैं.

गांव में में एक किशोरी सहित पांच लोगों की मौत हो चुकी है और तीन दर्जन से ज्यादा लोग बीमार पड़ गए हैं.

हैरानी की बात यह है कि गांव के लोग अपने जिले पन्ना के बजाय पड़ोसी दमोह जिले के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं.

स्वास्थ्य विभाग को इन मौतों के बाद जानकारी मिली, लेकिन वे मामले को छिपाने और पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं.

बम्होरी ग्राम पंचायत के आदिवासी मोहल्ले में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है.

यहां हर घर में कोई न कोई व्यक्ति बीमार है. ऐसा कोई घर नहीं बचा जहां बीमारी ने दस्तक न दी हो.

पंचायत सरपंच के पति चंदू आदिवासी ने बताया कि इलाके में अब तक 30 से अधिक लोग बीमार हो चुके हैं.

इनमें से कई को पवई के अलावा दमोह जिला अस्पताल, हटा और पटेरा जैसे जगहों पर इलाज के लिए भेजा गया है.

गांव की कुल आबादी करीब 2000 है, जहां आदिवासी और कुशवाहा पटेल समाज के परिवार रहते हैं.

शुरू में यहां हैजा फैलने की खबर आई थी, लेकिन बाद में पता चला कि दूषित पानी पीने और दूषित खाने की वजह से लोगों को उल्टी-दस्त हो रहे हैं.

मृतकों में 60 साल की मुन्नीबाई, 30 वर्षीय राधाबाई, 45 साल के कंछेदी, 16 साल की मंसो और 31 वर्षीय सेवक शामिल हैं.

चंदू आदिवासी और अन्य ग्रामीणों के अनुसार, इतनी मौतें होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने पहले कोई ध्यान नहीं दिया.

शुक्रवार को कलेक्टर सुरेश कुमार सिंह के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया.

टीमों ने बम्होरी पंचायत में डेरा डाल लिया और ग्रामीणों को दवाएं बांटनी शुरू कीं.

स्वास्थ्य परीक्षण कर बीमारों को इलाज के लिए भेजा जा रहा है. साथ ही, लोगों को खाने-पीने की चीजों को लेकर जागरूक किया जा रहा है.

यह घटना बुंदेलखंड इलाके में भारी बारिश के बाद आई मौसमी बीमारियों का नतीजा है.

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से स्थिति बिगड़ी है, क्योंकि मौतों के बाद ही उन्हें पता चला.

ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय पर ध्यान दिया जाता तो इतनी जानें न जातीं. अब टीमों के आने से कुछ राहत मिली है, लेकिन लोग अभी भी डर के साए में जी रहे हैं.

 स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि ऐसे इलाकों में पहले से सतर्क रहें और दूषित पानी की समस्या को दूर करें.

Exit mobile version