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आज़ादी के बाद पहली बार आदिवासी समाज को मिल रही प्राथमिकता, अब तक हुई सिर्फ़ राजनीति: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भोपाल में जनजातीय गौरव दिवस पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज को उसका गौरव और सम्मान दिलाया जाएगा. पिछली सरकारों ने जो नहीं किया वो हमारी सरकार करेगी.

पीएम मोदी ने कहा कि आज जब हम राष्ट्रीय मंचों से राष्ट्र निर्माण में जनजातीय समाज के योगदान की चर्चा करते हैं तो कुछ लोगों को हैरानी होती है. ऐसे लोगों को विश्वास ही नहीं होता कि जनजातीय समाज का भारत की संस्कृति को मजबूत करने में कितना बड़ा योगदान रहा है.

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार आदिवासी समाज की संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में इसके योगदान को गर्व से सम्मानित और याद किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के बारे में बहुत कम जानकारी है क्योंकि आजादी के बाद दशकों तक देश पर शासन करने वालों ने अपनी स्वार्थी राजनीति को प्राथमिकता दी.

उन्होंने कहा, ” भारत की आबादी का लगभग 10 प्रतिशत होने के बाद भी दशकों से आदिवासियों की संस्कृति और क्षमता को नजरअंदाज किया गया. उनके मुद्दों, शिक्षा और स्वास्थ्य का उनके लिए कोई मतलब नहीं था.”

पीएम मोदी भोपाल में आदिवासी गौरव दिवस महासम्मेलन में आदिवासी समुदाय के महान स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को उनकी जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत आदिवासी समाज की बोली से की. उनका स्वागत उन्हीं की बोली में किया. उन्होंने कहा- हूं तमारो स्वागत करूं. वो करीब एक मिनट तक इसी बोली में बोलते रहे.

पीएम मोदी के भाषण की खास बातें:

-पीएम मोदी ने कहा कि अब पूरे देश में हर साल भगवान बिरसा मुंडा की जयंती मनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि अभी हाल में पद्म पुरस्कार दिए गए हैं. जनजातीय समाज से आने वाले साथी जब राष्ट्रपति भवन पहुंचे तो दुनिया हैरान रह गई. आदिवासी और ग्रामीण समाज में काम करने वाले ये देश के असली हीरे हैं.

-पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा पहले बहन-बेटियों को पानी के लिए परेशान होना पड़ता था. लेकिन अब हमारी सरकार में जीवन मिशन के तहत 30 लाख परिवारों को नल से जल मिलना शुरू हो गया है. इसमें भी ज्यादातर इलाके जनजातियो के हैं.

-प्रधानमंत्री बोले पहले कहा जाता था कि सुविधाएं पहुंचाना मुश्किल है. ये सिर्फ बहाने थे. आदिवासियों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया था. इसी सोच की वजह से आदिवासी इलाके विकास से वंचित रह गए. आदिवासी बहुल जिलों पर पिछड़े होने का टैग लगा दिया.

पीएम मोदी ने कहा पुरानी सरकार ने जनजातियों-आदिवासियों के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया. उन्होंने ऐसा करके अपराध किया. उनके लिए आदिवासियों का विकास कोई मायने नहीं रखता था. हमारी सरकार ने इस पर ध्यान दिया. आज आदिवासी परिवारों तक वे सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जो पहले नहीं मिलती थीं.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जनजातीय समाज के आत्म सम्मान की खातिर हमारी सरकार दिन रात काम करेगी. हम इस संकल्प को फिर दोहरा रहे हैं कि जैसे हम गांधी जयंती मनाते हैं, सरदार पटेल की जयंती मनाते हैं, वैसे ही भगवान बिरसा मुंडा की जयंती हर साल जनजातीय गौरव दिवस के रूप में पूरे देश में मनाई जाएगी.

पीएम मोदी ने कहा वे आदिवासियों के ऋण को चुका नहीं सकता. लेकिन उन्हें उचित सम्मान दे सकते हैं. उन्होंने इतिहासकार बाबा साहब पुरंदरे को याद किया.

पीएम मोदी ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि मध्य प्रदेश में जनजातीय परिवारों में तेजी से मुफ्त टीकाकरण भी हो रहा है. दुनिया के पढ़े-लिखे देश इसमें पिछड़ गए लेकिन मेरे आदिवासी भाई-बहनों ने टीकाकरण का महत्व समझा. पढ़े-लिखे लोगों को आदिवासियों से सीखना चाहिए.

उन्होंने पुरानी सरकार के समय को याद किया. सात साल पहले हर छात्र पर सरकार करीब 40 हजार रुपये खर्च करती थी. ये आज बढ़कर एक लाख से अधिक किया जा चुका है. इससे जनजातीय छात्र-छात्राओं को अधिक सुविधा मिल रही है. केंद्र सरकार हर साल स्कॉलरशिप भी दे रही है. उच्च शिक्षा और रिसर्च से जोड़ने के लिए भी अभूतपूर्व काम किया जा रहा है.

पीएम मोदी ने अपनी सरकार के एक बड़े फैसले की तरफ ध्यान दिलाया कि जनजातीय समाज के बच्चों को पढ़ाई में एक बहुत बढ़ी दिक्कत भाषा की आती थी. लेकिन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अब पढ़ाई स्थानीय भाषा में करने की सुविधा होगी. इसका लाभ निश्चित रूप से बच्चों को मिलेगा.

(Image Credit: BJP Twitter)

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