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राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘आदि वाणी’ को बताया आदिवासी शिक्षा में बदलाव का बड़ा कदम    

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक नया तकनीकी टूल “आदि वाणी” की जमकर तारीफ़ की है.

यह टूल खासतौर पर आदिवासी क्षेत्रों के लिए बनाया गया है, जिससे वहां के लोग अपनी भाषा में पढ़ाई और बात कर सकें.

यह एक ऐसा अनुवाद टूल है जो आदिवासी भाषाओं को हिंदी और अंग्रेज़ी में बदल सकता है। इसकी मदद से आदिवासी बच्चों को पढ़ाई में बहुत मदद मिलेगी.

राष्ट्रपति ने कहा कि जब तक लोगों को अपनी भाषा में जानकारी नहीं मिलेगी, तब तक असली विकास नहीं हो सकता.

उन्होंने यह भी कहा कि “आदि वाणी” जैसे टूल से आदिवासी बच्चों को पढ़ाई समझने में आसानी होगी और वे आगे बढ़ सकेंगे.

यह बात उन्होंने ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ के एक कार्यक्रम में कही.

यह अभियान सरकार द्वारा चलाया जा रहा है ताकि आदिवासी समाज को आगे बढ़ाया जा सके.

इसमें लाखों लोग जुड़ चुके हैं – जैसे कि गांवों के स्वयंसेवक, सरकारी कर्मचारी, महिलाएं और युवा.

ये लोग आदिवासी इलाकों में ज़रूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं.

राष्ट्रपति ने कहा कि यह अभियान सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं है, बल्कि यह आदिवासी लोगों को उनका हक देने की दिशा में एक कदम है.

उन्होंने कहा कि आदिवासी लोग सिर्फ योजनाओं के लाभार्थी नहीं हैं, बल्कि वे देश के निर्माण में भी भागीदार हैं.

“आदि वाणी” टूल की सबसे खास बात यह है कि यह गोंडी जैसी आदिवासी भाषा को हिंदी और अंग्रेज़ी में अनुवाद कर सकता है.

इससे स्कूलों, सरकारी दफ्तरों और अस्पतालों में आदिवासी लोगों को समझने और बात करने में मदद मिलेगी.

राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि आदिवासी समुदाय को अपनी भाषा, संस्कृति और जमीन पर अधिकार मिलना चाहिए.

इससे वे आत्मनिर्भर बनेंगे और समाज में बराबरी का हिस्सा बन सकेंगे.

इस टूल के ज़रिए आदिवासी लोग अब अपनी बात सरकार और समाज तक बेहतर तरीके से पहुँचा सकेंगे. यह एक बड़ा कदम है शिक्षा और विकास की दिशा में

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