शुक्रवार (7 नवंबर, 2025) को राजस्थान के पाली ज़िले में तनाव फैल गया, जब राष्ट्रीय पशुपालक संघ और DNT (डीनोटिफाइड, नोमैडिक और सेमी-नोमैडिक ट्राइब्स) संघर्ष समिति का अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर चल रहा धरना शाम को हिंसक हो गया.
प्रदर्शनकारियों की ब्यावर-पिंडवाड़ा हाईवे (NH-162) पर बलराई गांव के पास पुलिस से झड़प हो गई.
प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंके, जिससे एक पुलिसकर्मी घायल हो गया.
हमले के बाद मौके पर जमा लोगों में अफरा-तफरी मच गई. मौके पर तैनात भारी पुलिस बल ने करीब एक घंटे की अशांति के बाद भीड़ को तितर-बितर कर दिया और हालात को काबू में किया.
इस झड़प की वजह से ब्यावर-पिंडवाड़ा हाईवे (NH-162) पर भारी ट्रैफिक जाम लग गया, जिसके बाद पुलिस को ट्रैफिक को दूसरे रास्तों से डायवर्ट करना पड़ा.
पणिहारी और हेमावास चौराहों पर देर रात तक भारी जाम रहा. ट्रक-टैंकर चालक घंटों फंसे रहे और कईयों को सड़क किनारे ही रात गुजारनी पड़ी. शनिवार सुबह भी पाली-सुमेरपुर मार्ग बंद रहा और वाहनों को वैकल्पिक रास्तों से गुजारा जा रहा है.
बाद में ज़िला प्रशासन के अधिकारियों ने इलाके में शांति बनाए रखने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए नेशनल पेस्टोरलिस्ट यूनियन और डिनोटिफाइड, नोमैडिक और सेमी-नोमैडिक (DNT) संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत शुरू की.
पाली के एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस विपिन शर्मा ने कहा कि स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है लेकिन कंट्रोल में है. उन्होंने उम्मीद जताई कि चल रही बातचीत से मामला सुलझ जाएगा.
उन्होंने बताया कि बताया कि शांतिपूर्ण समाधान तक पहुंचने की कोशिश में प्रदर्शनकारी समूहों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत जारी है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, DNT संघर्ष समिति और राष्ट्रीय पशुपालक संघ के सदस्य 10 मुख्य मांगों को लेकर दबाव बना रहे थे.
इनमें DNTs के लिए एक अलग मंत्रालय की स्थापना, रहने के लिए ज़मीन के मालिकाना हक का आवंटन और बच्चों की शिक्षा के लिए एक अलग बजट बनाना शामिल था.
साथ ही पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों में सीटों का आरक्षण, मान्यता प्राप्त समुदायों की सूची में गलतियों को ठीक करना और सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान भी शामिल था.
इसी सिलसिले में DNT संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह देवसाई के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोगों ने शुक्रवार को बलराई गांव के पास हाईवे पर धरना दिया
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से कई दौर की बातचीत की लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई.
गतिरोध से नाराज़ होकर प्रदर्शनकारियों ने हाईवे जाम कर दिया. जब पुलिस ने ट्रैफिक हटाने की कोशिश की तो कुछ प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए, जिससे झड़प हो गई.
इस हमले में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया.
जवाब में पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. इस टकराव से स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई और व्यस्त रास्ते पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया.
दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी
हालांकि, हिंसक झड़प होने के बावजूद राष्ट्रीय पशुपालक संघ और राजस्थान डीएनटी संघर्ष समिति का प्रदर्शन शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रहा.
प्रदर्शन के चलते पुलिस ने हाईवे पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी. पुलिस ने भारी बल तैनात कर दिया है और जिला कलेक्टर एलएन मंत्री और एसपी आदर्श सिद्धू खुद मौके पर डटे हुए हैं.
सोशल मीडिया पर लगातार अपील की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोग धरना स्थल पहुंचें.
वहीं बाड़मेर के शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और रालोपा सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने भी इस महापड़ाव का खुला समर्थन किया है.

