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प्रलोभन देकर किया जाने वाला धर्मांतरण स्वीकार्य नहीं – हिमंत बिस्वा सरमा

धर्मांतरण को लेकर असम के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता हिमंता बिस्वा सरमा का कहना है कि देश के कई लोगों के साथ-साथ आदिवासी समुदाय में भी धर्मांतरण देखा गया है. सीएम सरमा ने ये भी कहा कि इससे आदिवासियों की पारंपरिक मान्यताएं और प्रथाएं भी कमजोर हुई हैं.

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि किसी भी तरह के प्रलोभन, खासकर के आर्थिक लाभ के माध्यम से किया गया कोई भी धर्मांतरण स्वीकार्य नहीं हो सकता है.

सरमा गुवाहाटी में एक सहायता अनुदान वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे, जहां 18 संगठनों और विभिन्न धर्मों के 74 उपासना स्थलों में से प्रत्येक को क्रमश: 10 लाख रुपये और पांच लाख रुपये दिए गए.

बिस्वा सरमा ने कहा, ”अगर कोई व्यक्ति किसी विशेष धर्म के बारे में अध्ययन करके उसकी ओर आकर्षित होता है तो कोई समस्या नहीं है. लेकिन जब कोई व्यक्ति प्रलोभनों में बह जाता है तो यह स्वीकार्य नहीं हो सकता.”

मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान सभी नागरिकों को अपनी पसंद का धर्म अपनाने का अधिकार देता है लेकिन इसमें कहीं भी प्रलोभन देकर धर्मांतरण की बात नहीं कही गई है.

सीएम सरमा ने कहा कि उनकी सरकार आदिवासियों की संस्कृति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसी का भी फायदा उठाकर उन्हें धोखे से दूसरे धर्म में परिवर्तित नहीं करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि राज्य में 60-70 की संख्या में इन धर्मों का त्योहार इस साल के अंत में गुवाहाटी में आयोजित किया जाएगा.

सीएम सरमा ने इन धर्मों के अनुयायियों से अपने पूजा स्थलों के निर्माण या किसी अन्य मामले में सहायता के लिए सरकार से संपर्क करने का भी आग्रह किया.

साथ ही उन्होंने अनुच्छेद 25 को लेकर कहा कि इसके तहत किसी को भी अपनी पसंद के धर्म को मानने, उसकी पूजा करने और उसका प्रचार करने का अधिकार मिलता है लेकिन ये किसी भी तरह से प्रलोभन और उसके जरिए धर्म को परिवर्तित करने का अधिकार नहीं देता.

इस दौरान उन्होंने कहा कहा कि असम में कई समुदायों के साथ-साथ आदिवासियों के बीच धर्म को बदलने की प्रक्रिया देखी गई. इस प्रवृत्ति ने उनकी पारंपरिक मान्यताओं और प्रथाओं को कमजोर कर दिया है.

सीएम सरमा ने ये भी कहा कि धार्मिक रूपांतरणों की वजह से दुनिया भर में कई स्वदेशी मान्यताएं और संस्कृतियां लगभग विलुप्त हो गई हैं.

इसको लेकर उन्होंने एक ट्वीट वीडियो के साथ किया है. जिसमें वो असम की भाषा बोल रहे हैं और कहते हैं, “किसी को भी हमारे आदिवासी समुदायों का फायदा उठाकर धोखे से उनका धर्म परिवर्तन नहीं कराना चाहिए. हमें उनकी प्राचीन आस्था और प्रथाओं की रक्षा करनी होगी.”

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