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जम्मू-कश्मीर के आदिवासी युवाओं के लिए शुरू हुआ भेड़ फार्म आवंटन

आदिवासी युवाओं के बीच भेड़ पालन को बढ़ावा देने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उन्हें 800 मिनी भेड़ फार्म आवंटित किए हैं. अधिकारियों ने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग जिलों में 10 हज़ार युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश के जनजातीय मामलों के विभाग की “महत्वाकांक्षी” परियोजना है.

कश्मीर में हर साल मांस के लिए 20 लाख से ज्यादा भेड़ों की हत्या कर दी जाती है और इनमें से 60 फीसदी से अधिक भेड़ देश के विभिन्न राज्यों से खरीदी जाती हैं.

जम्मू-कश्मीर, जनजातीय मामलों के विभाग के सचिव शाहिद इकबाल चौधरी ने कहा, “भेड़ पालन योजना के पहले चरण में इस साल 1,500 मिनी भेड़ फार्म स्थापित करने के लिए 1,500 युवाओं का चयन किया गया है और इसे हर एक साल के बाद के 30 फीसदी तक बढ़ाया जाएगा. इस योजना का लक्ष्य अगले 4 सालों में 10 हज़ार से अधिक ऐसी भेड़ पालन इकाइयां स्थापित करना है.”

उन्होंने कहा कि भेड़पालन विभाग आदिवासी किसानों की सक्रिय भागीदारी से योजना को क्रियान्वित कर रहा है. आदिवासी क्षेत्रों में अधिक प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए भेड़पालन विभाग द्वारा एक जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किया गया है. 13 जिलों में 835 मिनी भेड़ फार्म की स्थापना के लिए शुरू की गई फ्लैगशिप योजना के तहत अलग-अलग जिलों में 6 हज़ार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे.

शाहिद इकबाल चौधरी ने कहा कि इस योजना को जम्मू और कश्मीर जनजातीय मामलों के विभाग द्वारा 100 फीसदी वित्त पोषित किया गया था.

उन्होंने कहा, “योजना के तहत 5,225 आवेदक योग्य पाए गए और भेड़ फार्म की स्थापना के लिए 835 आदिवासी युवाओं का चयन करने के लिए सभी 13 जिलों में ड्रा निकाला गया. इसके अलावा हर जिले ने योग्य आदिवासी युवाओं की एक छोटी वेटिंग लिस्ट भी बना रखी है.”

इकबाल चौधरी ने कहा कि उनका विभाग मिल्क चिलिंग प्लांट, पैकेजिंग इकाइयों और परिवहन की खरीद के समर्थन के साथ 17 दुग्ध गांवों के अलावा 500 डेयरी फार्म और 700 अतिरिक्त मिनी भेड़ फार्म स्थापित करने के लिए काम कर रहा है.

मिशन यूथ और जम्मू-कश्मीर कौशल विकास मिशन के समन्वय से योजना के पहले चरण में 1,500 युवाओं को ट्रेनिंग देने के लिए भारतीय कृषि कौशल परिषद को अनुबंधित किया गया है.

उन्होंने कहा, “200 से 500 पशुधन के साथ बड़े भेड़ फार्म स्थापित करने के इच्छुक आदिवासी युवाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए वित्तीय संस्थानों को भी शामिल किया गया है.”

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