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झारखंड के स्कूलों में आदिवासी भाषाओं में शुरू होगी पढ़ाई

झारखंड (Jharkhand) में अब बच्चों को पांच जनजातीय भाषाओं (five tribal language) में पढ़ाया जाएगा. फिलहाल ये राज्य के छह ज़िलों (six district) में शुरू किया जा रहा है. जिनमें खूंटी, लोहरदगा, पश्चिम सिंहभूम, गुमला, सिमडेगा और साहिबगंज ज़िले शामिल है.

हालांकि, अगले शैक्षणिक सत्र तक अन्य चार ज़िलों में भी जनजातीय भाषा में पढ़ाई शुरू की जा सकती है.

मतलब कुल मिलाकर 10 ज़िलों के 1000 प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में जनजातीय भाषा में पढ़ाई शुरू की जाएगी.
वहीं शिक्षा विभाग द्वारा इसकी तैयारी भी शुरू की जा चुकी है. इन ज़िलों में स्कूलों के चयन के लिए पहले सर्वे होगा.

अभी फिलहाल यह व्यवस्था कक्षा एक से तीन तक के लिए रखी गई है, कक्षाओं में लागू करने के बाद मूल्यांकन किया जाएगा और उसी के बाद ही इसमें आगे जरूरी बदलाव होंगे.

इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक जिस भी जनजातीय भाषा में स्कूलों में पढ़ाया जाएगा, उसी भाषा को बोलनेवाले 70 या उसे अधिक बच्चों का दाखिला संबंधित स्कूलों में होगा.

स्कूलों के प्रबंध समिति और बच्चों के माता-पिता की सहमति के बाद ये शुरू होगा. अगर बच्चों के माता-पिता सहमति नहीं देंगे, तो जनजातीय भाषा में पढ़ाई शुरू नहीं की जाएगी.

राज्य में पहले भी हिंदी और अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषा में पढ़ाई शुरू की गई थी. पिछले साल शिक्षा विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत खूंटी में मुंडारी, लोहरदगा में कुडुख, पश्चिमी सिंहभूम में हो, गुमला व सिमडेगा में खड़िया और साहिबगंज में संताली भाषा में पढ़ाई शुरू करवायी थी.

इन सभी भाषा को लागू करने के लिए 250 स्कूलों का चयन किया गया था. विभाग अब इन स्कूलों का मूल्यांकन कराने की तैयार कर रहा है. मूल्यांकन करने के लिए बच्चों के शैक्षणिक स्तर पर इसके प्रभाव देखे जाएंगे.

मूल्यांकन के परिणाम के बाद ही आगे इस व्यवस्था में जरूरी बदलाव किए जा सकते हैं. विभाग ने जनजातीय भाषा में पढ़ाई के लिए लगभग सारी तैयारियां पूरी कर ली है. जनजातीय भाषाओं में किताबें छपावा दी गई है और शिक्षकों को भी समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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