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तेलंगाना: माओवादियों ने पुलिस का मुखबिर होने के संदेह में आदिवासी शख्स की हत्या कर दी

तेलंगाना के आदिवासी बहुल मुलुगु जिले के वेंकटपुरम मंडल के एक दूरदराज के गांव कोंडापुर के एक 45 वर्षीय आदिवासी शख्स की बुधवार देर रात कथित तौर पर माओवादियों ने पुलिस का मुखबिर बताकर हत्या कर दी.

मृतक की पहचान कोंडापुर गांव निवासी सुब्बका गोपाल के रूप में हुई है. गोपाल गोटी कोया जनजाति से ताल्लुक रखते हैं.

सूत्रों के मुताबिक, कुल पांच भाकपा माओवादी गोपाल के घर में घुसे और उन्हें घसीटकर बाहर निकाला. परिवार के सदस्यों ने माओवादियों से उसे छोड़ने का अनुरोध किया. लेकिन उनके नेता ने परिवार वालों के सामने ही गोपाल पर चाकुओं और कुल्हाड़ी से वार कर दिया. फिर माओवादियों ने उसे खून से लथपथ मृत छोड़ दिया.

उन्होंने गोपाल के शव के बगल में भाकपा (माओवादी) वेंकटपुरम-वजीदु क्षेत्र समिति के नाम से एक पत्र छोड़ा, जिसमें उन पर “पुलिस का मुखबिर” होने का आरोप लगाया गया था.

पत्र में कहा गया है कि मृतक पुलिस मुखबिर के रूप में काम कर रहा था इसलिए उसे दंडित किया गया. पत्र में जनता को आगाह भी किया गया है कि पुलिस द्वारा दिए जाने वाले पैसे के लालच में पुलिस मुखबिर न बनें.

इससे पहले 19 अक्टूबर 2022 को, तेलंगाना राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) एम महेंद्र रेड्डी ने वेंकटपुरम का दौरा किया था. इसके बाद वेंकटपुरम पुलिस स्टेशन में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों समेत भद्राद्री कोठागुडेम, मुलुगु, जयशंकर भूपालपल्ली और महबूबाबाद जिले के पुलिस अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक की थी.

पुलिस ने गुरुवार को मुलुगु जिले में जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा कड़ी कर दी है. मीडिया से बात करते हुए, वेंकटपुरम सर्कल-इंस्पेक्टर के. शिव प्रसाद ने कहा कि मामला दर्ज किया जा चुका है और जांच की जा रही है.

इससे पहले साल 2020 और 2021 में इसी तरह की घटनाओं में बोधापुरम गांव के भीमेश्वर राव के रूप में पहचाने जाने वाले एक स्थानीय टीआरएस पदाधिकारी और वेंकटपुरम मंडल के कोंडापुरम गांव के कोरासा रमेश के रूप में पहचाने जाने वाले एक पूर्व सरपंच की कथित तौर पर माओवादियों द्वारा “पुलिस मुखबिर” होने के संदेह में हत्या कर दी गई थी.

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