आंध्र प्रदेश के पार्वतिपुरम मण्यम जिले में राज्य की पहली आदिवासी बाइक टैक्सी सेवा की शुरुआत की गई है.
यह पहल न केवल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए की गई है, बल्कि स्थानीय आदिवासी समुदायों को रोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण के अवसर प्रदान करने का उद्देश्य भी रखती है.
जिला ग्रामीण विकास एजेंसी (DRDA) ने इस योजना के तहत आदिवासी युवाओं को बाइक खरीदने के लिए ऋण उपलब्ध कराया है.
ताकि वे पर्यटकों को जिले के दूरस्थ वाटरफाल्स और प्राकृतिक स्थलों तक ले जा सकें.
पार्वतिपुरम के कलेक्टर प्रभाकर रेड्डी ने इस बाइक टैक्सी सेवा का उद्घाटन किया.
उन्होंने कहा कि यह पहल जिले के पर्यटन क्षेत्र को नई दिशा देगी और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएगी.
इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में साहसिक खेल और रॉक क्लाइम्बिंग जैसी गतिविधियाँ शुरू की जाएंगी. ताकि पर्यटकों का अनुभव और भी रोमांचक बन सके.
इस योजना का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य आदिवासी उत्पादों को बढ़ावा देना भी है.
DRDA ने आदिवासी समुदाय को 50,000 से 1,00,000 रुपये तक का ऋण प्रदान किया है.
ताकि वे स्थानीय हस्तशिल्प और उत्पादों की दुकानें खोल सकें.
इस कदम से आदिवासी लोगों की आय बढ़ेगी और उनके उत्पादों की पहचान भी बढ़ेगी.
इससे आदिवासी युवाओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिलेगी और उनकी पारंपरिक संस्कृति को बनाए रखने में मदद मिलेगी.
मोगनाली वाटरफाल, जो तदिकोंडा और गुम्मलखमपुरम मंडलों में स्थित है, इस पहल का मुख्य आकर्षण है.
पहले पर्यटकों को इस वाटरफाल तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था.
अब बाइक टेक्सी की सेवा की वजह से यह यात्रा आसान और आरामदायक हो गई है.
कलेक्टर रेड्डी ने कहा की जिले के सभी वाटरफाल्स और प्राकृतिक स्थलों को पर्यटन मानचित्र पर लाने का प्रयास किया जा रहा है.
ताकि पर्यटकों को इन सुंदर स्थलों का पूरा अनुभव मिल सके.
जिला प्रशासन ने पांच प्रमुख पर्यटन केंद्रों के विकास की योजना बनाई है, जो सीतामपेटा और पार्वतिपुरम ITDA क्षेत्रों में स्थित हैं.
इन केंद्रों के विकास में आदिवासी समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है.
इन केंद्रों में सड़क निर्माण, होमस्टे सुविधाओं और अन्य जरूरी बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है.
इससे पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
यह परियोजना आदिवासी युवाओं के कौशल और क्षमता को बढ़ावा देती है.
बाइक टैक्सी सेवा के माध्यम से वे पर्यटन उद्योग में काम कर सकते हैं और अपने कौशल का उपयोग कर सकते हैं.
साथ ही, यह पहल आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करने में भी मदद करती है.
स्थानीय उत्पादों की बिक्री और पारंपरिक सेवाओं के माध्यम से उनकी पहचान और सांस्कृतिक मूल्य बढ़ेंगे.
इस पहल से आदिवासी समुदाय का आर्थिक और सामाजिक विकास संभव होगा. यह परियोजना उनके लिए रोजगार और आय के नए स्रोत खोलती है.
साथ ही, यह पर्यटन क्षेत्र को भी मजबूती प्रदान करेगी.
आदिवासी क्षेत्रों में इस तरह की पहल से समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं.

