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माओवाद प्रभावित आदिवासी इलाक़े भी नेटवर्क में होंगे

अगले एक साल में आंध्र प्रदेश में नवगठित अल्लूरी सीताराम राजू (ASR) ज़िले के माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में 1 हज़ार मोबाइल नेटवर्क टावर लगाए जाएंगे. पुलिस अधीक्षक सतीश कुमार ने शनिवार को न्यूज एजेंसी ANI को बताया, “मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर आदिवासी पॉकेट पहाड़ी क्षेत्रों में 1 हज़ार नए मोबाइल टावर इंस्टॉल करने के लिए तैयार हैं. जियो (Jio) 700 टावर्स के साथ आ रहा है. वहीं भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) अगले एक साल में तीन फेज में 300 टावर लगाने जा रहा है.”

जिला पुलिस और इंटीग्रेटेड ट्राइबल डेवलपमेंट एजेंसी (ITDA) दूरदराज के इलाकों में नेटवर्क टावर लगाने जा रही है.

पुलिस ने कहा कि अल्लूरी सीताराम राजू ज़िले में 22 मंडल हैं, जिनमें से ज्यादातर आदिवासी बेल्ट में स्थित हैं और सिर्फ 20 से 25 फीसदी लोगों के पास ही मोबाइल नेटवर्क है. सतीश कुमार ने कहा, “मंडलों के सभी मुख्यालय पहले से ही मोबाइल नेटवर्क से जुड़े हुए हैं. सरकार आदिवासी क्षेत्रों को मोबाइल कनेक्टिविटी के साथ चिकित्सा सुविधाएं प्रदान कर सकती है.”

माओवादियों द्वारा इन टावर्स में आग लगाने के डर के चलते मोबाइल नेटवर्क कंपनियों ने माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल टावर लगाने से मना किया है. 2017 में, माओवादियों ने धारकोंडा में मोबाइल टावरों को आग लगा दी थी.

जीके वेधी, चिंतापल्ली, पेदाबयालु, मुंचिंगपुट, जी मदुगुला, हुकुमपेटा, डुम्ब्रिगुडा, कोय्यूरु सबसे अधिक माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में से हैं.

एक अधिकारिक सूत्र ने मई में कहा था कि कुछ जिलों के अछूते गांवों में 4जी मोबाइल सर्विस प्रदान करने के लिए सरकार ने 3,683 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट दिया है. सूत्रों ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत एयरटेल 847.95 रुपये के खर्च के साथ झारखंड और महाराष्ट्र में 1,083 मोबाइल टावर इंस्टॉल करेगी और और Reliance Jio 2,836 करोड़ रुपये में 3,696 टावर लगाएगी. मई में यह प्रोजेक्ट कंपनियों को आवंटित किया गया था.

सूत्रों ने कहा कि “5 राज्यों के जिले के अछूते गांवों में 4जी कवरेज प्रदान करने के प्रोजेक्ट को बीते साल कैबिनेट ने मंजूरी दी थी. एयरटेल और जियो को चयनित गांवों में 4जी सर्विस शुरू करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है.”

इस प्रोजेक्ट में आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा के 5 राज्यों के 44 जिलों के 7,287 गांवों में 4जी बेस्ड मोबाइल सर्विस प्रदान करने की कोशिश की गई है. इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 5 साल के लिए ऑपरेशनल कॉस्ट समेत 6,466 करोड़ रुपये है.

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