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एजेंसी इलाकों में बुनियादी सुविधाएं जल्द होंगी बेहतर: जनजातीय मंत्रालय

केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय के सचिव, अनिल कुमार झा ने आश्वासन दिया है कि यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे कि दूरदराज़ के इलाकों में रहने वाले आदिवासियों को बीमार या गर्भवती महिलाओं को ‘डोली’ पर मैदानी इलाकों तक ले जाने की ज़रूरत नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि आदिवासियों को सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. झा मंगलवार को विशाखापत्तनम एजेंसी इलाके के कोय्यूरु मंडल के एक दुर्गम आदिवासी गांव पलामामिडी के दौरे पर थे, जब उन्होंने यह बात कही. 

झा ने राज्य के आदिम जाति कल्याण विभाग के सचिव, कांतिलाल दांडे, एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसी (आईटीडीए) के परियोजना अधिकारी आर गोपाल कृष्ण के साथ सुबह-सुबह विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) के गांव तक पहुंचने के लिए बचिंथा गांव से लगभग चार किमी की पैदल यात्रा की.वहां उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत की.

आदिवासियों ने उन्हें बताया कि गांव में सड़क संपर्क, पेयजल, बिजली की आपूर्ति और दूसरी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं. गांववालों ने बच्चों के लिए बस्ती में एक स्कूल भवन बनाने की भी मांग की है. 

लोगों ने इन अधिकारियों को गांवों में सड़कों और चिकित्सा सुविधाओं की कमी की वजह से ‘डोली’ में इलाज के लिए बीमार और गर्भवती महिलाओं को मैदानी इलाकों तक ले जाने की मुश्किल से भी अवगत कराया. 

झा ने उन्हें स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के अलावा सड़क, पेयजल और स्कूल की सुविधा देने का आश्वासन दिया है. उन्होंने स्थानीय लोगों से वन अधिकारों की मान्यता (ROFR) देने वाले पट्टों के बारे में भी पूछा.

विशाखापत्तनम के एजेंसी इलाकों से बीमार व्यक्तियों और गर्भवती औरतों को डोली में बिठाकर एम्बुलेंस तक या मैदानी इलाकों तक ले जाने की खबरें आती रहती हैं. चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंच की कमी इलाके में अक्सर दर्दनाक स्थिति पैदा करती है.

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