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तेलंगाना की इस आदिवासी लड़की ने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी को किया फतह

हौसले अगर बुलंद हों तो कुछ नामुमकिन नहीं. इसकी बेहतरीन मिसाल दी है तेलंगाना की बनोथ वेनेला ने. आदिवासी समुदाय से आने वाली बेनोथ वेनेला ने किलिमंजारो पर्वत को फतह किया है. बनोथ, 26 जनवरी को पर्वत की चोटी पर पहुंची थी. बनोथ वेनेला, तेलंगाना राज्य के कामारेड्डी जिले के मचारेड्डी मंडल के सोमावरम पेटा गांव की निवासी है.

बनोथ जब पहाड़ की चोटी पर पहुंची तो उनके हाथ में एक बैनर था. इसमें तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और राज्यसभा सदस्य संतोष कुमार जोगिनापल्ली की तस्वीर को दिखाया गया. बैनर में हरियाली को बढ़ावा देने के लिए श्री संतोष कुमार द्वारा प्रचारित ग्रीन इंडिया चैलेंज का संदेश भी था.

बनोथ ने सांसद संतोष कुमार को पहाड़ को फतह करने के अपने सपने को पूरा करने के लिए ₹3 लाख की वित्तीय सहायता के साथ मदद करने के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने युवा लड़कियों को एक नए रास्ते पर चलने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को भी धन्यवाद दिया. वहीं सांसद संतोष कुमार ने पर्वतारोही को न केवल उसके परिवार बल्कि तेलंगाना और देश का नाम रोशन करने के लिए बधाई दी.

माउंट किलिमंजारो समुद्र तल से 5895 मीटर (19,341 फीट) की ऊंचाई पर अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी है. यह दुनिया के सात शिखरों में से एक है.

बनोथ वेनेला अब माउंट एवरेस्ट को फतह करना चाहती है. खबरों के मुताबिक बनोथ वेनेला तेलंगाना की ही एक आदिवासी लड़की पूर्णा मालवथ से प्रेरित हैं, जिन्होंने 2014 में 13 साल की उम्र में माउंट एवरेस्ट फतह किया था और देश में तूफान ला दिया था. पूर्णा की उपलब्धि और तेलंगाना समाज कल्याण आवासीय संस्थानों को सरकारी समर्थन के बाद युवाओं के बीच पर्वतारोहण में तेजी आई, जहां उन्होंने पढ़ाई की.

बॉलीवुड अभिनेता राहुल बोस ने 2017 में पूर्णा पर एक फिल्म बनाई थी, जिसमें इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया था कि कैसे शिक्षा ग्रामीण लड़कियों को अकल्पनीय सोचने में मदद कर सकती है.

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