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दो दशक बाद कोयंबटूर की इस आदिवासी बस्ती को मिला बिजली कनेक्शन

तमिलनाडु के नीलगिरी ज़िले के कोटागिरी के पास स्थित एक आदिवासी बस्ती अनिलकाडू को दो दशकों के संघर्ष के बाद बिजली कनेक्शन मिला है. अनिलकाडू बस्ती में रहने वाली 35 वर्षीय निवासी हलम्मल इतने लंबे संघर्ष के बाद अपने घर में बल्ब जलता देख खुश है.

साथ ही इस बस्ती में बिजली कनेक्शन पाने वाला पहला घर बनने के बाद वो और खुश है. तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कोऑपरेटिव लिमिटेड (TANGEDCO) ने 15 अगस्त को उसके घर को बिजली प्रदान की.

अनिलकाडू में सात परिवार दो दशक से भी अधिक समय से बिना बिजली कनेक्शन के रह रहे हैं. हालांकि 15 अगस्त को सिर्फ हलम्मल के घर बिजली का कनेक्शन मिला है. वहीं बाकी घरों को भी जल्द ही कनेक्शन मिल जाएगा.

हाल ही में जमाबंदी की बैठक के दौरान लोगों ने कोटागिरी तहसीलदार से अपने गांव में बिजली की मांग की थी, जिसके बाद तहसीलदार ने इसे कलेक्टर एसपी अमृत को भेज दिया, जिन्होंने गांव के लिए बिजली उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाए.

कलेक्टर ने राजस्व एवं वन विभागाध्यक्षों और तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कोऑपरेटिव लिमिटेड को आदिवासियों को विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए मिलकर काम करने का निर्देश दिया. इससे पहले नीलगिरी वन विभाग ने गांव के मुखिया को एक पत्र भेजा था, जिसमें कहा गया था कि वे बिजली की आपूर्ति प्रदान करने में असमर्थ हैं क्योंकि उनकी बस्ती जंगल के अंदर स्थित है.

नीलगिरी आदिवासी कल्याण संघ (NAWA) ने छह मीटर ठीक करने के लिए TANGEDCO को 18 हज़ार रुपये का भुगतान किया और कुन्नूर स्थित जूनियर चैंबर इंटरनेशनल (JCI) ने एक मीटर को ठीक करने के लिए 3 हज़ार रुपये का भुगतान किया. कोनवक्कराई पंचायत अध्यक्ष एच जयप्रिया ने पंचायत फंड से सर्विस वायर और वायरिंग को ठीक करने के लिए 14 हज़ार रुपये दिए, क्योंकि अनिलकाडू कोनवाकराई के अंतर्गत आता है.

NAWA के सचिव के एम अलवास ने मीडिया को बताया कि अनिलकाडु के सात कुरुम्बा परिवारों को वन अधिकार अधिनियम (FRI) के तहत बिजली मिली, नीलगिरी वन प्रभाग के सूत्रों ने पुष्टि की कि गांव में जंगली जानवरों की आवाजाही है और इस संबंध में, उन्होंने टैंगेडको से जानवरों की सुरक्षा के लिए बिजली केबल को इन्सुलेट करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया है.

(Image Credit: The New Indian Express)

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