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आदिवासी स्वास्थ्य चुनौतियों से लड़ने के लिए नया प्लान, मृत्यु दर और कुपोषण कम करने पर होगा ज़ोर

देश में आदिवासी समुदयों से जुड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए, केंद्र सरकार ने ‘आदिवासी स्वास्थ्य सहयोगात्मक (Tribal Health Collaborative – THC)’ शुरू किया है. इसका ज़ोर आदिवासी समुदायों की मृत्यु दर को कम करने और दूसरी स्वास्थ्य चुनौतियों से लड़ने पर होगा.

50 जनजातीय ऐस्पिरेशनल (aspirational) ज़िलों में THC के ज़रिए टीबी प्रतिरोधक गतिविधियों में तेज़ी लाई जाएगी. उम्मीद है कि इससे 2025 तक टीबी उन्मूलन का भारत का लक्ष्य पूरा हो सकेगा. इसके अलावा आदिवासी क्षेत्रों में शराब की लत और कुपोषण से लड़ा जा सकेगा.

जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त THC को अगले दस सालों में 177 आदिवासी ज़िलों में लागू किया जाएगा. इस पहल को “अनमाया” नाम दिया गया है. इस पहल में सरकार के साथ पीरामल फ़ाउंडेशन और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन भी जुड़े हैं.

THC की कोशिश जनजातीय मामलों, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, आयुष मंत्रालयों, और नीती आयोग के प्रयासों को साथ लाने की होगी. उम्मीद है कि इस समन्वय से देश के आदिवासी समुदायों के स्वास्थ्य और पोषण की स्थिति को बेहतर किया जा सकेगा.

जनजातीय मामलों के मंत्रालय का कहना है कि THC का उद्देश्य भारत की आदिवासी आबादी के सामने आने वाली प्रमुख स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक स्थायी, और उच्च-प्रदर्शन स्वास्थ्य इको-सिस्टम का निर्माण करना है.

इसके तहत 500 प्राइमरी हेल्थ सेंटर और 100 कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर स्थापित किए जाएंगे, और अगले दो सालों में इसे सभी राज्यों की कार्यान्वयन योजनाओं में शामिल किया जाएगा.

इसी साल जून में सिकल सेल अनीमिया से लड़ने के लिए एक ख़ास योजना शुरु करने का भी प्लान है. इसके अलावा 5000 आदिवासी चिकित्सकों को इस योजना से जोड़ने, और दूर दराज़ के आदिवासी इलाक़ों में 740 एकलव्य मॉडल रेज़िडेंशियल स्कूलों के माध्यम से एक टेली-मेडिसिन सुविधा स्थापित करने की भी योजना है.

ट्राइबल हेल्थ सेल भी स्थापित किया जाएगा, जो स्वास्थ्य, आयुष और राज्य सरकारों के मंत्रालयों के साथ मिलकर प्राथमिक स्वास्थ्य प्रणालियों को मज़बूत करेगा. सरकार जनजातीय स्वास्थ्य अनुसंधान में भी निवेश करेगी.

ट्राइबल हेल्थ एक्शन प्लान के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक राष्ट्रीय जनजातीय स्वास्थ्य परिषद (National Tribal Health Council) भी स्थापित किया जा रहा है.

जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि THC एक इंक्लूसिव स्वास्थ्य कार्यक्रम है. इससे पहले आदिवासियों के स्वास्थ्य के मुद्दे सुलझाने के लिए कोई लक्षित (targeted) प्लान नहीं था.

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