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आदिवासी प्रेमी जोड़े को बैल की तरह बांधकर ज़मीन जोतने के लिए किया गया मजबूर

ओडिशा के रायगढ़ा ज़िले के नियामगिरी पहाड़ियों में दूर बसे एक गांव कंगारामजोड़ी से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है.

यहां एक आदिवासी युवक और महिला को गांव के लोगों ने परंपरा तोड़ने का दोषी मानते हुए ऐसी सज़ा दी, जिसने मानवता को झकझोर कर रख दिया.

दोनों को कथित रूप से आपसी रिश्ते में होने के चलते अमानवीय सज़ा दी गई. सज़ा के तौर पर उन्हें बैलों की तरह जोतकर खेत में हल चलवाया गया.

कौन हैं पीड़ित?

बताया जा रहा है कि युवक और महिला एक ही परिवार के सदस्य हैं. युवक अपनी बुआ के साथ संबंध में था.

गांव में लंबे समय से इस रिश्ते को लेकर अफवाहें थीं. लेकिन हाल ही में दोनों को कथित तौर पर आपत्तिजनक हालत में देखे जाने के बाद गांव में हंगामा मच गया.

किसने दी सज़ा?

गांव के बुज़ुर्गों और समुदाय के लोगों ने मिलकर कई बैठकें कीं और पारंपरिक तौर-तरीकों के आधार पर सज़ा तय की.

एक बुज़ुर्ग ने बताया कि उनके रीति-रिवाजों के अनुसार, इस तरह के रिश्तों को माफ़ करना पाप माना जाता है.

उन्होंने कहा कि अगर वे चुप रहते, तो उनके देवी-देवता नाराज़ हो जाते.

इसके बाद पूरे गांव ने एक हल तैयार किया और दोनों को रस्सियों से बांधकर उस हल में जोता गया.

इसके बाद गांववालों ने उन्हें डंडों से पीटा और जिस तरह बैल खेत में काम करते हैं, उसी तरह उन से खेत जोतवाया. यह पूरी घटना गांव के सभी लोगों के सामने हुई.

सामाजिक बहिष्कार और गांव से निष्कासन

इसके बाद भी उन्हें माफ़ नहीं किया गया. दोनों पर ‘मृतक क्रिया’ जैसे रीति-रिवाज किए गए. मृतक क्रिया का मतलब है कि समाज में अब उनका कोई अस्तित्व नहीं रहा.

जब किसी की मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार से आकर स्नान किया जाता है, उसी तरह गांववालों ने सामूहिक रूप से स्नान कर शुद्धिकरण भी किया.

अंत में, दोनों को मात्र ₹1,000 की राशि देकर गांव से हमेशा के लिए निकाल दिया गया

प्रशासन की प्रतिक्रिया

यह घटना बुधवार की है लेकिन ये वीडियो शुक्रवार को वायरल हुआ.

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई.

शुक्रवार को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लेने और स्थानीय लोगों से मामले पर चर्चा करने के लिए गाँव का दौरा किया.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दोनों पीड़ित इस वक्त दूसरे गाँव में अपने एक रिश्तेदार के घर पर हैं.

इससे पहले भी इसी ज़िले में एक दलित युवक से शादी करने पर एक लड़की के परिवार के लगभग 40 सदस्यों ने अपने सिर मुंडवा लिए थे.

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