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खंडवा में आदिवासी युवक की पीट-पीटकर हत्या, परिजनों ने आरोपी के घर के सामने किया अंतिम संस्कार

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के कोठड़ा गांव में सोमवार की देर रात एक आदिवासी युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. हत्या की वजह आपसी विवाद है. अब इस मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पीड़ित फूलचंद केंडे पर 20 फरवरी की रात उस समय हमला किया गया जब वह अपने खेत पर जा रहा था.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि खंडवा जिले में पुरानी दुश्मनी को लेकर उसी गांव के गैर-आदिवासी समुदाय के लोगों के एक समूह ने एक आदिवासी शख्स फूलचंद केंडे की कथित तौर पर हत्या कर दी.

पुलिस ने कहा कि गैर-आदिवासी परिवार के सदस्यों का फूलचंद से विवाद हुआ था और वह उसे अपने घर के आंगन में खींच ले गए, उसे बांध दिया और उसकी पिटाई की. जब उसके मुंह से खून बहने लगा तो उन्होंने उसे बाहर फेंक दिया.

स्थानीय लोगों ने उसकी चीख-पुकार सुनी और उसे उसके परिजनों के पास ले गए. पुलिस ने कहा कि अस्पताल ले जाते समय फूलचंद केंडे ने अपनी पत्नी को बताया कि कैसे उस पर हमला किया गया.

इस घटना के बाद से नाराज आदिवासी समुदाय के लोगों ने इस मामले के खिलाफ धरना दिया और मंगलवार को दिन भर खालवा बाजार में चक्का जाम किया. बाद में उन्होंने शाम को आरोपी के घर पर अंतिम संस्कार किया.

खंडवा के पुलिस अधीक्षक (SP) विवेक सिंह ने कहा कि सोमवार की रात पुरानी रंजिश को लेकर दूसरे समुदाय के लोगों ने एक आदिवासी व्यक्ति की हत्या कर दी. जिसके बाद मंगलवार को आदिवासी समुदाय के लोगों ने चक्का जाम किया.

उन्होंने बताया कि मामले की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन देने के बाद धरना खत्म किया.

एसपी ने कहा कि लेकिन जब परिजन और गांव के अन्य लोग अंतिम संस्कार करने के लिए शव को श्मशान घाट ले जा रहे थे. श्मशान घाट के रास्ते में उन्हें आरोपी का घर मिला और उन्होंने वहीं फूलचंद का जबरदस्ती अंतिम संस्कार किया. पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने. उन्होंने कहा कि अंतिम संस्कार करने के बाद वे वहां से चले गए.

विवेक सिंह ने बताया कि फूलचंद की पत्नी के बयान पर पुलिस ने कोठडा के दुर्गालाल,रामदयाल उर्फ रामू और मयाराम पर हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है.

फूलचंद का परिवार मजदूरी करके गुजारा करता है. आदिवासी समाज ने फूलचंद की हत्या के आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी, केस में आरोपियों की संख्या बढ़ाने और आरोपियों को फांसी देने की मांग रखी है. साथ ही परिवार को 51 लाख रुपए की आर्थिक मदद और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग भी की है.

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