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संगठन का नाम है ‘मानववाद’ आरोप है आदिवासी उत्पीड़न

विवादास्पद ‘मानबवाद संगठन’ (मानवीय संगठन) के प्रमुख मानस दास की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर 11 आदिवासी संगठनों के सदस्यों ने मंगलवार को खोर्धा एसपी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया.

प्रदर्शनकारियों का कहना है, “मानस दास को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए. क्योंकि दास का संगठन निर्दोष आदिवासी लोगों को अपने निजी कारणों की आड़ में प्रताड़ित और जबरन वसूली कर रहा है. उनकी गिरफ्तारी के अलावा हम उनके संगठन पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की भी मांग करते हैं.”

रिपोर्टों के मुताबिक तथाकथित ‘मानवीय संगठन’ जो इस समय अपने सदस्यों द्वारा आदिवासी लोगों पर तालिबान जैसे अत्याचारों के आरोपों के बाद जांच के दायरे में है. कहा जाता है कि यह एक पूर्ण राजनीतिक संगठन की तरह काम कर रहा है. 

मानस दास के नेतृत्व में हाल ही में खोर्धा में एक पिता-पुत्र की जोड़ी के साथ बेरहमी से मारपीट किया था जिसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था. संगठन के सदस्यों पर कुछ समय पहले एक व्यक्ति की हत्या करने का भी आरोप लगाया गया है.

पेशे से वकील संगठन के मुखिया मानस दास की राजनीतिक कड़ी भी सामने आई है जिससे मामला और भी उलझ गया है.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में मानस दास के प्रभाव को दिखाया गया है. जिसे उनके संगठन के सदस्यों द्वारा गुरुजी के रूप में संबोधित किया जाता है. बिना तारीख वाले वीडियो में दास को बॉडीगार्डस के साथ गर्मजोशी से स्वागत करते देखा जा सकता है.

जबकि लोग उनके पीछे भाग रहे हैं. वीडियो में एक जगह कुछ लोगों को उन पर फूलों की बारिश करते हुए देखा जा सकता है. जबकि कुछ लोग उनके पैर छूने के लिए दौड़ पड़े.

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दास के साथ उनके कथित राजनीतिक संबंध सामने आने के बाद बीजेडी के कुछ नेता भी सवालों के घेरे में आ गए हैं.

कई लोग मानस दास के कहने पर संगठन के सदस्यों के हाथों यातना और उत्पीड़न की दास्तां सुनाने के लिए भी आगे आए हैं. दास ने हालांकि अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों का दृढ़ता से खंडन किया है.

मानस दास ने कहा, “मेरे खिलाफ सभी आरोप निराधार हैं और उनकी जांच होनी चाहिए. मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोग मेरे खिलाफ क्या कह रहे हैं. ‘मनबवाद संगठन’ ओडिशा के बाहर भी काम कर रहा है और असम में भी हमारे संगठन हैं.”

सूत्रों के मुताबिक मानस दास ने 2005 में मनबवाद संगठन का गठन किया और आखिर में 2018 में बीजू जनता दल (BJD) में शामिल हो गए. ओडिशा में सत्ता में राजनीतिक दल के संरक्षण के तहत संगठन पूरे राज्य में अपनी शाखा फैला रहा है.

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