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एटीएम पिन न देने के कारण आदिवासी छात्र की हत्या, 2 आरोपी गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पुरानी बस्ती थाना पुलिस ने एक आदिवासी छात्र के हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में गिरफ्तार एक अपराधी का नाम सावन डोंगरे है तो दूसरा अपराधी नाबालिग है.

इन दोनों ने 25 जून को मंगल मुरिया नामक एक आदिवासी युवक के साथ मारपीट की थी. इसके बाद मंगल को गंभीर हालत में मेकाहारा अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान उसकी म़त्यु हो गई.

प्राप्त जानकारी के अनुसार मृत मंगल मुरिया बस्तर के लोहंडीगुड़ा का रहने वाला था और रायपुर की कलिंगा यूनिवर्सिटी का छात्र था. मंगल की आयु 21 वर्ष थी और उसके माता-पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी थी.

क्या है पूरा मामला?

24 जून की रात को अपराधी सावन डोंगरे अपने साथी राजू बंछोर की बाइक लेकर नाबालिग के साथ कालीबाड़ी घूमने गया था. जब वे दोनों वापस लौट रहे थे तब मंगल ने इशारा करके उन्हें रोका और उनसे लिफ्ट मांगकर थोड़ा आगे छोड़ने को कहा.

सावन के मना करने पर उनके बीच बहस हुई. अंत में सावन ने उसे बाइक पर बैठा लिया और भटगांव की बीएसयूपी कॉलोनी ले गया. वहां ब्लॉक नंबर 10 के पास एक पान के ठेले के पीछे ले जाकर उसके साथ मारपीट की. उसकी जेब से पासबुक, पेनकार्ड, मोबाइल फोन और एटीएम कार्ड निकाल लिया.

एटीएम का पासवर्ड पूछने पर मंगल मुरिया ने उन्हें पिन नहीं बताया. इस बात पर गुस्साए सावन और उसके साथी ने उसे ज़मीन पर पटक दिया. इसके बाद उसके सिर को कई बार ज़मीन पर पटका. जिससे वह गंभीर रूप से घायल होकर बेहोश हो गया.

पुलिस को आता देख वे भाग गए. इसके बाद पुलिस कर्मचारियों ने एंबुलेंस की मदद से उसे 24 जून की रात के करीब 1 बजे मेकाहारा अस्पताल में भर्ती करवाया. इलाज के दौरान 25 जून की सुबह करीब 8 बजे मंगल की मृत्यु हो गई.

इसके बाद पुरानी बस्ती थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और आरोपियों की तलाश शुरु कर दी. जांच-पड़ताल के दौरान घटना की चश्मदीद गवाह साक्षी अखिलेश नेताम ने पान ठेले के पीछे मारपीट की बात बताई.

पुलिस ने प्राप्त सबूतों के आधार पर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. कड़ी पूछताछ के बाद सावन डोंगरे ने पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी है और अपराध कुबूल किया है.

छत्तीसगढ़ पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 से 2022 तक छत्तीसगढ़ में घटित अपराधों की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है.

इसमें गौर करने वाली बात ये है कि 2001 से 2019 तक छत्तीसगढ़ मे हुए अपराधों में 20,000 से ज़्यादा अपराध नाबालिगों के द्वारा किए गए हैं यानि 19 साल में बीस हज़ार से ज़्यादा अपराध बच्चों द्वारा किए गए हैं.

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