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अंधविश्वास की भेंट चढ़ा आदिवासी गांव, मासूम की मौत से भी नहीं खुली आंखें

मध्य प्रदेश के सतना ज़िले में आदिवासी बहुल मझगवां ब्लॉक के सेमरहा गांव से अंधविश्वास का हृदयविदारक परिणाम सामने आया है.

इस गांव में उल्टी-दस्त से पीड़ित लोग झाड़-फूंक की उम्मीद में अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं.

इसी भ्रम में एक पांच साल की मासूम की जान चली गई लेकिन इसके बावजूद ग्रामीण डॉक्टरों के पास जाने के बजाय झाड़-फूंक करने वाले तांत्रिकों के झांसे में फंसे हैं.

मझगवां के ब्लॉक मेडिकल ऑफ़िसर बीएमओ डॉ. रुपेश सोनी इस क्षेत्र की गंभीर स्थिति की जानकारी मिलने के बाद अपनी मेडिकल टीम के साथ गांव पहुंचे.

गांव में सर्वे करने के बाद उन्होंने गांव की आबादी के एक हिस्से को बुखार और उल्टी जैसी बीमारियों से पीडित पाया.

सामान्य बीमारी के लक्षण दिखने पर ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस) के माध्यम से वहीं इलाज किया गया.

बीएमओ द्वारा गंभीर मरीज़ों को मझगवां अस्पताल भेजने के निर्देश देने के बाद भी अंधविश्वास के चलते आदिवासी लोग जाने को तैयार नहीं थे.

जब डॉ. सोनी आदिवासियों को अस्पताल ले जाने में असक्षम रहे तब हारकर उन्हें पुलिस को बुलाना पड़ा जिसके बाद 7 आदिवासियों को मझगवां अस्पताल ले जाया गया.  

गंभीर रूप से बीमार दो लोगों को सतना रेफर किए जाने पर उन्होंने झाड़-फूंक का हवाला देकर ज़िला अस्पताल जाने से मना कर दिया.

गांव के आदिवासियों का कहना है कि एक तांत्रिक ने पूरे गांव को बांध दिया है इसलिए इलाज की ज़रूरत नहीं है.

गांव में उल्टी-दस्त का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. स्थानीय आदिवासियों का कहना है कि कई लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं लेकिन वे इलाज कराने को तैयार नहीं हैं.

मेडिकल टीम लगातार निगरानी रख रही है लेकिन गांव के लोगों को जागरूक करना एक बड़ी चुनौती है.

हाल के वर्षों में मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में आदिवासी समुदायों के बीच अंधविश्वास के चलते चिकित्सा उपचार से इनकार करने के कई मामले सामने आए हैं.

2019 से 2021 तक मध्य प्रदेश में आदिवासी अत्याचार के मामलों में 36% की वृद्धि हुई है.

ये मामले उन घटनाओं से जुड़े हैं जहां लोग झाड़-फूंक और तांत्रिकों पर भरोसा करते हुए आधुनिक चिकित्सा सेवाओं को अस्वीकार कर देते हैं.

इस प्रकार की घटनाएं गंभीर बीमारियों के समय भी देखी गई हैं जिससे कई लोगों की जान तक चली गई.

इस घटना ने एक बार फिर से आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और अंधविश्वास के कारण होने वाली मौतों को उजागर किया है.

सरकार को इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देकर इसके रोकथाम के लिए प्रयास करने की ज़रूरत है.

(Representative image)

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