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45 साल की आदिवासी महिला को डायन बताकर उसके भतीजे ने ही मार डाला

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले से विच हंटिंग यानि डायन हत्या की ख़बर आई है. पुलिस के मुताबिक़ 45 साल की एक आदिवासी महिला की उसके भतीजे ने हत्या कर दी. भतीजे को शक़ था कि यह महिला जादू टोना करती है, यानि उसे लगता था कि वो एक डायन है.

महिला का शव मंझरी थाना क्षेत्र के गंगिमुंडी जंगल में मिला है. ख़बरों के मुताबिक, महिला के पति ने पुलिस को बताया कि वह रविवार को जंगल में मशरूम लेने गई थी लेकिन घर नहीं लौटी.

पति ने पुलिस को यह भी बताया कि उसका भतीजा काला जादू करने का दावा करते हुए उसे अकसर धमकाता था. महिला की हत्या धारदार हथियारों से की गई है.

महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, और उसकी मौत के लिए ज़िम्मेदार लोगों की तलाश की जा रही है.

झारखंड में पिछले चार दिनों में यह इस तरह की दूसरी घटना है. झारखंड काला जादू करने, या डायन होने के शक में होने वाली मौतों के लिहाज़ से देश का नंबर वन राज्य है.

इससे पहले की घटना में गढ़वा जिले में 70 साल की एक महिला को उसके घर से बाहर खींच कर निकाला गया, और ग्रामीणों ने उसे पीट-पीट कर मार डाला. उनका दावा था कि वह महिला जादू टोना करती थी.

उस मामले में महिला के परिवार ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि रविवार की रात क़रीब साढ़े आठ बजे पांच लोगों ने उसे घर से कम से कम 200 मीटर की दूरी तक घसीटा, और फिर डंडों से पीट-पीट कर मार डाला.

मामले में पुलिस ने पूछताछ के लिए एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है.

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, 2001 और 2020 के बीच झारखंड में जादू टोना के संदेह में कुल 590 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं.

झारखंड इस अपराध के लिए जाना जाने वाला अकेला राज्य नहीं है. भारत के 12 राज्यों से डायन-ब्रांडिंग या विच हंट के मामले सामने आए हैं. ये राज्य हैं – झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र.

NCRB के आंकड़ों के अनुसार डायन हत्याओं की सबसे ज़्यादा संख्या झारखंड में होती है, और इस मामले में दूसरे नंबर पर ओडिशा है.

1999 से 2013 के बीच देश भर में लगभग 2300 हत्याएं डायन या चुड़ैल बताकर की गईं.

इन घटनाओं का आधार अलग-अलग होता है – कभी परिवार में अचानक होने वाली बीमारियां या मौत, कभी पशुधन की हानि, तो कभी वित्तीय संपत्ति में गिरावट. वजह जो भी हो, लेकिन जो बात इन मामलों में कॉमन है, वो ये कि आमतौर पर किसी वंचित समुदाय के लोगों पर ही काला जादू करने का आरोप लगाया जाता है.

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