Site icon Mainbhibharat

मध्य प्रदेश: पुलिस हिरासत में आदिवासी युवक की हत्या या आत्महत्या ?

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के पंधाना थाने में धर्मेंद्र खरगोन नाम के 32 वर्षीय आदिवासी युवक की मौत हो गई.

खंडवा के डीआईजी सिद्धार्थ बहुगुना ने बताया कि पंधाना पुलिस ने शुक्रवार को मोटरसाइकल चोरी करने के आरोप में धर्मेंद्र को हिरासत में लिया था और उससे पूछताछ चल रही थी.

उन्होंने बताया कि हिरासत के दौरान धर्मेंद्र को लॉकअप में रखा गया था, जहां उसने ओढ़ने के लिए दिए गए कंबल को फाड़कर फंदा बनाया और खिड़की से लटक कर खुदकुशी कर ली.

पुलिस के अनुसार घटना शुक्रवार देर रात की है. इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

खंडवा के डीजीआई ने कहा है कि पंधाना नगर निरीक्षक विकास खिंची, उपनिरीक्षक हिमाल दामोर और कांस्टेबल नारायण तथा अनिल  की लापरवाही सामने आई है.  

इन चारों पुलिस कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही मामले की न्यायिक जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं.

पुलिस ने यह भी बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी ने 18 बाइक चोरी करने की बात कबूल की थी. पुलिस ने यह दावा भी किया है कि उसके पास से चोरी की तीन बाइक बरामद भी की गई.

वहीं मृतक के परिजनों ने यह आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर जबरन अपराध कबूल करने के लिए प्रताड़ित किया.

परिवार का कहना है कि पुलिस ने ही युवक की हत्या कर दी है.

धर्मेंद्र के परिवारवालों का कहना है कि पुलिस ने खुद उसकी हत्या की और अब हत्या को आत्महत्या दिखाने की साज़िश की जा रही है.

मृतक की पत्नी ने कहा, “मेरे पति को 21 अगस्त को पुलिस ने हिरासत में लिया था. उन्हें तीन दिनों तक प्रताड़ित किया गया. पुलिस हिरासत में उनकी हत्या कर दी गई और बाद में इसे आत्महत्या का रूप देने के लिए फांसी पर लटका दिया गया. हम पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाना चाहते हैं.”

पुलिस ने बताया कि आदिवासी युवक की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में आदिवासी कार्यकर्ता अस्पताल के बाहर इकट्ठा हुए.

इसके बाद सुरक्षा के लिए अस्पताल के बाहर बल की तैनाती की गई.

भील आदिवासी युवा संगठन ने मामले की निष्पक्ष जांच और मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपए की आर्थिक मदद देने की मांग की है.

Exit mobile version