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ओडिशा: कोविड वैक्सीन से बचने के लिए जंगल भागे कटक ज़िले के आदिवासी

देश में कोविड वैक्सिनेशन अभियान भले ही मिशन मोड में चल रहा हो, लेकिन अभी भी आदिवासियों को वैक्सीन लगाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती ही साबित हो रहा है.

कुछ दिन पहले ही ख़बर आई थी कि वैक्सीन के डर से तमिलनाडु के आदिवासी पेड़ों पर छिप गए, अब ऐसा ही कुछ मामला ओडिशा से आया है. कटक ज़िले के आदिवासी इलाक़ों में वैक्सीन के डर से लोग जंगलों में छिप रहे हैं.

कटक के आदिवासी इलाकों में कोविड वैक्सीन को लेकर काफ़ी हिचकिचाहट है, और लोग वैक्सिनेशन से कतरा रहे हैं.

ज़िला प्रशासन ने शुक्रवार को अतागढ़ ब्लॉक के ओरदा गांव के आदिवासियों के लिए वैकिसनेश कैंप का आयोजन किया था. हालांकि लगभग 250 लोग कोविड वैक्सीन के लिए एलिजिबल हैं, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारी क़रीब 15 लोगों को ही वैक्सीन लगाने में कामयाब हो पाए.

59 आदिवासी परिवारों के 300 से ज़्यादा लोगों वाला ओरदा गांव गोबारा पंचायत मुख्यालय से लगभग नौ किमी दूर पहाड़ियों से घिरे जंगल के अंदर बसा है. वाहनों की कमी के चलते, वहां पहुंचना बेहद मुश्किल है.

इसी मुश्किल को देखते हुए ब्रमौरा सीएचसी (Community Health Centre) के चिकित्सा अधिकारी ने वैक्सिनेशन की सुविधा के लिए गांव में ही एक कैंप की व्यवस्था की. अस्पताल प्रशासन ने भी गांव वालों के बीच जागरुकता पैदा करने के लिए अभियान चलाया.

तमाम कोशिशों के बावजूद गांव के लोग निर्धारित दिन पर वैक्सीन लगवाने नहीं पहुंचे. इसके बाद स्वास्थ्य अधिकारियों को घर-घर जाकर वैक्सिनेशन शुरू करना पड़ा.

यह कोशिश भी लगभग फ़ेल ही हुई, क्योंकि स्वास्थ्य अधिकारियों को गांव में सिर्फ़ कुछ औरतें ही मिलीं. बाकि सब वैक्सिनेशन से बचने के लिए जंगल भाग गए थे.

इसके अलावा गांव में मौजूद दूसरे लोगों ने यह कहते हुए वैक्सीन लगाने से इनकार कर दिया कि उसके बाद उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाएगी. वैक्सीन लगवाने के लिए 15 लोगों को समझाने में ही कम से कम पांच घंटे लग गए, जिसके बाद उन्हें वैक्सीन लगा.

लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों ने हार नहीं मानी है, और बाकि गांव वालों को वैक्सीन लगाने की कोशिश की जा रही है. ओरदा की तरह ही ज़िले भर में कई आदिवासी बहुल गाँव हैं जहाँ लोग वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते हैं.

उसी पंचायत के भगुआ गाँव में भी कोई वैक्सीन लगाने के लिए आगे नहीं आ रहा था. स्वास्थ्यकर्मियों ने घर-घर जाकर आदिवासियों को समझाया, जिसके बाद 150 में से 20 लोगों ने वाक्सीन लगवाया.

ज़्यादातर आदिवासियों में वैक्सीन को लेकर हिचकिचाहट अंधविश्वास के चलते है. उनके बीच कोविड बीमारी और उससे बचाव के लिए वैक्सीन की अहमियत के बारे में जानकारी की भी कमी है.

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