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आदिवासियों ने पहली बार डाला स्थानीय निकाय चुनाव में वोट

तमिल नाडु के तिरुपूर जिले के उदुमलपेट के पास चार आदिवासी बस्तियों के निवासियों ने शनिवार को स्वतंत्रता के बाद पहली बार किसी स्थानीय निकाय चुनाव में वोट डाला. धाली नगर पंचायत के लिए हो रहा चुनाव उनके लिए अपना वोट डालने का पहला मौका था.

धाली नगर पंचायत के कार्यकारी अधिकारी और चुनाव के लिए रिटर्निंग अधिकारी एम. शांति ने द हिंदू को बताया कि पिछले साल वार्ड परिसीमन के दौरान नगर पंचायत में दो नए वार्ड – 16 और 17 – जोड़े गए थे.

इन नए वार्डों में वार्ड 16 में 385 नए मतदाताओं के साथ कुरुमलाई, पुचुकोट्टमपरई और मेलकुरुमलई आदिवासी बस्तियां, और वार्ड 17 में 234 नए मतदाताओं के साथ तिरुमूर्तिमलई बस्ती शामिल हैं.

चार आदिवासी बस्तियां आनमलई टाइगर रिजर्व (एटीआर) के तिरुपूर डिवीजन के तहत आती हैं, और इसके निवासियों ने पहले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अपना वोट डाला है, लेकिन किसी स्थानीय निकाय चुनाव में नहीं.

एम शांति ने कहा, “हमने कुरुमलई और तिरुमूर्तिमलई में मतदान केंद्र स्थापित करने के लिए वन विभाग की सहायता ली.”

सहायक वन संरक्षक के. गणेशराम ने कहा कि वन विभाग ने नगर पंचायत अधिकारियों को वाहन और करीब 10 कर्मी दिए. कुरुमलई आदिवासी बस्ती, जो एटीआर के अंदर लगभग 1,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, तक कोयंबटूर जिले के वालपरई और ऊपरी अलियार के घने जंगलों से होते हुए एक घुमावदार रास्ते से ही पहुंचा जा सकता है.

तिरुमूर्तिमलई आदिवासी बस्ती के 35 साल के एक निवासी एन. मणिकंडन ने कहा, “हमारे लोग अब खुश हैं क्योंकि हमने पहले कभी किसी स्थानीय निकाय चुनाव में मतदान नहीं किया.”

उन्होंने कहा कि कई घर, जो 50 साल पहले बने थे, बस्ती में खस्ताहाल हैं और निवासियों ने इस उम्मीद में मतदान किया है कि चुने गए प्रतिनिधि उनकी शिकायतों का समाधान निकलेंगे.

कुरुमलई आदिवासी बस्ती के रहने वाले जी. सेल्वम ने भी कहा कि वो खुश हैं, और उनमें से अधिकांश ने दोपहर तक अपना वोट डाल दिया था. हालांकि उन्होंने अनुरोध किया कि अधिकारियों को बुनियादी सुविधाओं की उनकी मांग को पूरा करना चाहिए. और कुरुमलई और तिरुमूर्तिमलई बस्तियों को जोड़ने वाली सड़क बनाने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाएं.

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