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आदिवासियों ने पहली बार चुना अपना पार्षद, अब है विकास की उम्मीद

तमिल नाडु के तिरुपूर जिले की धाली नगर पंचायत में डीलिमिटेशन के बाद हाल ही जुड़े वार्ड 16, 17 के आदिवासी निवासियों ने 75 सालों में पहली बार अपना पार्षद चुना है. सीपीएम के दो उम्मीदवार जी सेल्वम और एम वन्नीस्वरी 4 मार्च को स्थानीय निकाय में अपना पदभार संभालेंगे.

वार्ड 16 में जीतने वाले सेल्वम ने कहा, “मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं पार्षद बनूंगा. आदिवासी लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे किसानों के लिए परिवहन की कोई सुविधा नहीं है. इसलिए, मेरा सबसे बड़ा वादा तिरुमूर्ति पहाड़ी को कुरुमलई से जोड़ने वाली पक्की सड़क, और पुचुकोट्टमपारई और कुरुमलई के बीच कीचड़ से भरी सड़क को बदलकर एक किलोमीटर लंबी कंक्रीट सड़क बनाने के लिए कदम उठाना है. साथ ही मोबाइल फोन टावरों की भी लंबे समय से डिमांड है. इन सभी को वन कानूनों और अधिकारों के तहत लागू किया जाएगा.”

वार्ड 17 से जीतने वाले एम वन्नीस्वरी ने कहा, “तिरुमूर्ति पहाड़ी बस्ती के आदिवासियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. मैं कोशिश करूंगी कि ग्रीनहाउस योजनाओं का लाभ सभी लाभार्थियों तक पहुंचाया जाए. इसके अलावा आदेशों के बावजूद जिन बुजुर्ग आदिवासियों की पेंशन का वितरण अभी तक नहीं किया गया है, वह भी पूरा होगा. मैं सभी मुद्दों को हल करने के लिए कदम उठाऊंगी.”

आदिवासियों ने पिछले हफ्ते ही पहली बार किसी स्थानीय निकाय चुनाव में वोट डाला था

आपको याद दिला दें कि तिरुपूर जिले के उदुमलपेट के पास चार आदिवासी बस्तियों के निवासियों ने पिछले शनिवार को स्वतंत्रता के बाद पहली बार किसी स्थानीय निकाय चुनाव में वोट डाला था.

पिछले साल वार्ड परिसीमन के दौरान नगर पंचायत में दो नए वार्ड – 16 और 17 – जोड़े गए थे. इन नए वार्डों में वार्ड 16 में 385 नए मतदाताओं के साथ कुरुमलई, पुचुकोट्टमपरई और मेलकुरुमलई आदिवासी बस्तियां, और वार्ड 17 में 234 नए मतदाताओं के साथ तिरुमूर्तिमलई बस्ती शामिल हैं.

चारों आदिवासी बस्तियां आनमलई टाइगर रिजर्व (एटीआर) के तिरुपूर डिवीजन के तहत आती हैं, और इसके निवासियों ने पहले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अपना वोट डाला है, लेकिन कभी किसी स्थानीय निकाय चुनाव में नहीं.

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