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TRIFED 177 संभावित जनजातीय उत्पादों के लिए GI टैग प्राप्त करने की दिशा में कर रहा काम

आत्मानिर्भर भारत मिशन को बढ़ावा देने के लिए जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (TRIFED) 177 संभावित जनजातीय उत्पादों के लिए GI टैग प्राप्त करने के लिए काम कर रहा है.

ट्राइफेड द्वारा शुरू की गई जीआई पहल का उद्देश्य आकर्षक उत्पादों का उत्पादन करते हुए भारतीय जनजातीय लोगों की पारंपरिक महारत को संरक्षित करना और पुनर्जीवित करना है. ट्राइफेड विशिष्ट भौगोलिक विशेषताओं के साथ कृषि, प्राकृतिक या विनिर्मित वस्तुओं को बढ़ावा देने और संरक्षण देने के महत्व को अनुभव करते हुए जीआई टैग वाले जनजातीय मूल या स्रोत के उत्पादों के विपणन के माध्यम से बड़े पैमाने पर काम कर रहा है ताकि अतुल्य भारत के अमूल्य खजाने के संरक्षण में योगदान दिया जा सके.

उच्चायोगों में ट्राइफेड के सहयोग से एक वैश्विक पहल के हिस्से के रूप में ‘आत्मनिर्भर भारत’ कॉर्नर स्थापित किया जा रहा है. जिसका उद्देश्य सदियों से जनजातीय समुदायों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को बढ़ावा देना है.

फिलहाल ट्राइफेड अपने अच्छी तरह स्थापित 141 ट्राइब्स इंडिया खुदरा बिक्री केंद्रों के नेटवर्क और अलग-अलग ई-कॉमर्स मंचों के माध्यम से 300 से अधिक पंजीकृत भारतीय जीआई में से जनजातीय भागीदारी को देखते हुए 56 जीआई टैग वाले उत्पादों का विपणन करता है.

इसने अबतक 94 कारीगरों को अधिकृत यूजर-शिप दी है और यह भविष्य में जल्द ही 500 अधिकृत यूजर्स बेस बनाने के लिए प्रयासरत है.

56 जीआई टैग उत्पादों के विपणन के अलावा ट्राइफेड उन 177 संभावित उत्पादों के लिए जीआई टैग प्राप्त करने के लिए भी काम कर रहा है जिनकी पूरे देश में यानि पूर्वोत्तर (88), उत्तराखंड(14), झारखंड(11), मध्य प्रदेश(11), महाराष्ट्र(10), ओडिशा(6), पश्चिम बंगाल(9), गुजरात(7), छत्तीसगढ़(7), आंध्र प्रदेश(4), राजस्थान(4), दक्षिण (3) और उत्तर (3) में स्थित  हमारे क्षेत्रीय कार्यालयों के संचालन क्षेत्रों के तहत पहचान की गई है.

इसके साथ ही पद्मश्री डॉ. रजनीकांत द्विवेदी के मार्गदर्शन में गुजरात, असम, उत्तराखंड और झारखंड राज्यों के 21 संभावित उत्पादों का जीआई पंजीकरण पहले ही शुरू किया जा चुका है. इससे ट्राइफेड द्वारा विपणन किए जाने वाले जीआई उत्पादों की संख्या बढ़कर 77 जीआई हो जाएगी.

ये उत्पाद इस पैनल में शामिल जनजातीय आपूर्तिकर्ताओं से प्राप्त होते हैं. जीआई पहल के तहत की गई गतिविधियां “वोकल फॉर लोकल” के अनुरूप हैं और इसका उद्देश्य भारत@75 आज़ादी का अमृत महोत्सव के निर्धारित विजन के मुताबिक प्रधानमंत्री के स्पष्ट आह्वान के आधार पर “आत्मनिर्भर भारत” का निर्माण करना है.

ट्राइफेड-पीएमओ-LBSNAA

ट्राइफेड ने जनजातीय मूल के जीआई को बढ़ावा देने और उनका विपणन करने के साथ-साथ उनका ऐसे ब्रांडों में परिवर्तित करने के लिए जो जनजातीय कारीगरों के सशक्तिकरण का प्रतीक है.

एलबीएसएनएए, संस्कृति मंत्रालय और वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से एक समर्पित कार्यक्रम जीआई महोत्सव का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य प्रशिक्षु अधिकारियों को संवेदनशील बनाना था. जो उनके क्षेत्र में जीआई उत्पादों के हितों की रक्षा करने वाली नीतियों को प्रशासनिक स्तर पर समर्थन देगा और नीतियों के निर्माण को सुनिश्चित करेगा।

ट्राइफेड-नाबार्ड

ट्राइफेड और नाबार्ड ने अपने पास उपलब्ध संसाधनों को साझा करते हुए जीआई पहल को गति और शक्ति प्रदान करने के उद्देश्य से आपस में सहयोग किया है. इस साझेदारी का उद्देश्य जीआई टैग किए गए उत्पादों के एफपीओ/पीओ के विकास, जनजातीय कारीगरों की ट्रेनिंग और क्षमता निर्माण, जीआई उत्पादों के प्रचार के लिए प्रदर्शनियों का आयोजन जैसी कई गतिविधियों को उपलब्ध कराना है.

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