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आदिवासी नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दो गिरफ़्तार

तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम ज़िले की पुलिस ने 17 साल की आदिवासी लड़की से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया है.

यह घटना आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे कंटा इलाके के पास घटी थी.

गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी छत्तकोंडा गांव के लक्ष्मीदेविपल्ली मंडल के रहने वाले बताए जा रहे हैं.

घटना कैसे हुई?

पीड़िता अपने मायके की ओर जा रही थी और आधी रात के समय छत्तीसगढ़ के कंटा कस्बे में बस से उतरी.

वहां से आगे जाने के लिए वह किसी वाहन का इंतज़ार कर रही थी.

उसी समय दो युवक ट्रॉली ऑटो में पहुंचे और लड़की को बताया कि वे भी उसी तरफ जा रहे हैं, अगर वह चाहे तो वे उसे छोड़ सकते हैं.

इसलिए लड़की उस ऑटो में बैठ गई. रास्ते में उसने देखा कि दोनों युवक शराब पी रहे थे और नशे में थे.

जब लड़की ने उतरने की कोशिश की तो आरोपियों ने उसे रोक लिया.

कुछ दूर जाने के बाद लड़की ऑटो से नीचे उतर गई. लेकिन दोनों युवक उसका पीछा करते हुए पास के जंगल में ले गए.

वहीं उसे ज़बरदस्ती बेहोश करने वाली दवा दी गई और उसके बाद दुष्कर्म किया गया।

पीड़िता की हालत

घटना के बाद लड़की को बेसुध अवस्था में पलवंचा मंडल के पेद्दम्मा तल्लि मंदिर के पास छोड़ दिया गया.

राहगीरों ने उसे देखा और तुरंत नज़दीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया.

बाद में उसे सरकारी आश्रय गृह (शेल्टर होम) में ट्रांस्फर कर दिया गया.

चाइल्डलाइन प्रोजेक्ट ऑफिसर एम. लक्ष्मी प्रसन्ना ने बताया कि लड़की अब सुरक्षित है और उसकी देखभाल के लिए सभी ज़रूरी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं.

पुलिस की कार्रवाई

पलवंचा पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया है.

शुरुआती जांच में पता चला है कि दोनों आरोपी छोटे व्यापारी हैं और छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र से इस्तेमाल किया हुआ तेल खरीदकर बेचने का काम करते हैं.

भद्राद्री कोठागुडेम के एसपी बी. रोहित राजू ने बताया कि इस मामले में मेडिकल रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है. घटनास्थल और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है.

पीड़िता के माता-पिता को सूचना दे दी गई है और वे उसके पास पहुंचने के लिए रवाना हो चुके हैं.

पुलिस का कहना है कि आरोपियों को कानून के मुताबिक सख़्त सज़ा दिलाई जाएगी.

स्थानीय संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे मामलों में जल्द से जल्द कार्रवाई हो और पीड़ित परिवार को पूरा सहयोग दिया जाए.

(Image is for representation purpose)

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