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असम के बोडो समुदाय की थाली के अनोखे पारंपरिक व्यंजन

असम का बोडो समुदाय अपनी समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है. इस समुदाय की भोजन परंपरा भी बेहद ख़ास है.

असम के बोडो क्षेत्र (BTR) और पूर्वोत्तर भारत के अन्य हिस्सों में बसे बोडो लोग बोडो‑कछारी जातीय समूह से ताल्लुक रखते हैं.

वे बोडो भाषा बोलते हैं, जो तिब्बती-बर्मी भाषा परिवार की एक प्रमुख भाषा है.

नेपाल और बांग्लादेश में बोडो जनजाति के लोग बसे है

बोडो लोग मांसाहारी होते हैं और सूअर का मांस उनके भोजन में सबसे अधिक प्रचलित है.

उनकी अधिकतर खाने में सूअर का मांस ज़रूर होता है.

इसके अलावा रेशम के कीड़े, घोंघे, सूखी मछली और जल कीट जैसे अनोखे खाद्य पदार्थ भी उनके व्यंजनों में शामिल हैं.

आईए आपको बताते हैं बोडो समुदाय की कुछ खास और मशहूर रेसिपीज़ (Recipies) के बारे में, जो न सिर्फ स्वादिष्ट हैं बल्कि उनकी संस्कृति की झलक भी पेश करती हैं-:

मछली की ख़ास चटनी (Napham)

नाफ़म बोडो समुदाय की एक पारंपरिक और बेहद खास डिश है, जिसे फर्मेंटेड फिश चटनी के रूप में जाना जाता है.

इस डिश को बनाने के लिए पहले मछली को सुखाया और धुएँ में पकाया जाता है, फिर उसे मसालों और कुछ पारंपरिक सामग्रियों के साथ पीसकर एक पेस्ट तैयार किया जाता है.

इस पेस्ट में खार्वी (केले के छिलके की राख से बनी सिरका), नमक, अदरक, लहसुन, प्याज़, सरसों का तेल, और मिर्च मिलाए जाते हैं.

सारी चीज़ों को अच्छी तरह पीसकर बांस के डंडों या किसी बंद बर्तन में रखा जाता है, जिससे यह धीरे-धीरे फर्मेंट हो जाए और इसका स्वाद और खुशबू दोनों ही गहराई से विकसित हो सकें.

नाफ़म सिर्फ एक चटनी नहीं, बल्कि बोडो संस्कृति की एक महकदार पहचान है.

इसकी तीखी और अलग किस्म की खुशबू हर किसी को पसंद नहीं आती, लेकिन जो एक बार इसका स्वाद ले लेता है, वो इसे भूल नहीं पाता.

इसे अक्सर चावल के साथ खाया जाता है या फिर किसी भी मुख्य व्यंजन में मिलाकर खाया जा सकता है.

ख़ास चिकन करी (Onla Jwng Dao Bedor)

ओनला ज़्वङ डौ बेडोर बोडो समुदाय का एक बेहद लोकप्रिय और पारंपरिक व्यंजन है, जिसे आमतौर पर देसी चिकन और चावल के आटे से बनाया जाता है.

बोडो भाषा में “ओनला” का मतलब होता है — चावल के आटे से बनी गाढ़ी करी.

इस डिश की सबसे खास बात है इसका गाढ़ा और क्रीमी टेक्सचर, जो चावल के आटे की वजह से आता है.

इसे तैयार करने के लिए सबसे पहले चावल को भूनकर उसका बारीक पीस लिया जाता है.

फिर इसमें स्थानीय देशी चिकन, पालक या दूसरी हरी सब्ज़ियाँ, लहसुन, अदरक, मिर्च पेस्ट, सरसों का तेल, और  नमक  डालकर पकाया जाता है.

ओनला ज़्वंग  न सिर्फ स्वाद में भरपूर होता है, बल्कि यह सेहत के लिहाज़ से भी बहुत पौष्टिक माना जाता है.

चिकन से मिलने वाला प्रोटीन, हरी सब्ज़ियों का फाइबर और चावल से बनी गाढ़ी ग्रेवी इसे एक संतुलित और पेटभर भोजन बनाते हैं.

बोडो समाज में यह डिश खास मौकों, त्योहारों और पारिवारिक आयोजनों में ज़रूर बनती है.

इसे आमतौर पर गर्म चावल के साथ परोसा जाता है.

घोंघे और चने की दाल (Sobai Jwng Samo)

सोबाई ज़्वङ समो (Sobai Jwng Samo) बोडो समुदाय का एक अनोखा व्यंजन है, जिसमें दो खास चीज़ें मिलती हैं — घोंघे (Snails) और काले चने की दाल.

बोडो भाषा में:

इस व्यंजन को बनाने के लिए ताज़े नदी के घोंघे लिए जाते हैं और उन्हें अच्छी तरह धोकर उनके खोल के साथ ही पकाया जाता है.

इन्हें काले चने की दाल के साथ उबालकर या धीमी आंच पर पकाया जाता है.

स्वाद के अनुसार इसमें नमक, लहसुन, प्याज़, मिर्च और हल्के मसाले डाले जाते हैं.

जब डिश तैयार हो जाती है, तब इसे खाने का तरीका भी खास होता है. लोग घोंघे को उनके खोल से चूसकर या टूथपिक से निकालकर खाते हैं.

यह व्यंजन बोडो लोगों की प्रकृति से जुड़ी जीवनशैली को दर्शाता है, जहाँ वे स्थानीय और प्राकृतिक संसाधनों का पूरी तरह उपयोग करते हैं.

घोंघों को आमतौर पर मॉनसून या बरसात के मौसम में इकट्ठा किया जाता है, जब वे आसानी से खेतों और नदियों के आसपास मिलते हैं.

जूट के पत्तों में पका पोर्क (Oma Jwng Narzwi)

ओमा ज़्वङ नार्जी (Oma Jwng Narzwi) बोडो समुदाय का एक पारंपरिक और दिलचस्प व्यंजन है, जिसमें दो मुख्य सामग्रियाँ होती हैं – सूअर का मांस (Oma) और सूखे जूट के पत्ते (Narzwi).

बोडो भाषा में:

इस डिश को तैयार करने के लिए सबसे पहले सूअर के ताज़ा मांस को टुकड़ों में काटा जाता है.

फिर इसमें सूखे नार्जवी (जूट के पत्ते) डाले जाते हैं, जो हल्के कड़वे होते हैं, लेकिन पकने के बाद एक गहराई भरा स्वाद देते हैं.

इसके अलावा इसमें  खार्वी (केले के छिलके से बनी देसी सिरका), अदरक, लहसुन, हरी मिर्च और नमक जैसी सामग्री डाली जाती है.

कभी-कभी स्वाद के लिए सरसों का तेल भी इस्तेमाल किया जाता है.

इस डिश को धीमी आंच पर पकाया जाता है ताकि सूअर का मांस अच्छी तरह से गल जाए और पत्तों का स्वाद उसमें अच्छी तरह समा जाए.

ओमा ज़्वङ नार्जवी एक गाढ़ा, हल्का तीखा और ज़ायकेदार व्यंजन होता है.

सूअर के मांस की चर्बी और जूट पत्तों की कड़वाहट मिलकर एक बेहतरीन संतुलन बनाते हैं, जो इसे एक खास स्वाद देता है.

मछली और खट्टी भाजी (Mwita Jwng Na)

म्विता ज़्वङ ना (Mwita Jwng Na) बोडो समुदाय की एक बेहद स्वादिष्ट मछली-आधारित डिश है, जिसमें ताज़ी मछली (Mwita) और रोसेल के पत्ते (Na) का इस्तेमाल होता है.

बोडो भाषा में:

इस व्यंजन में ताज़ी नदी की मछली और खट्टे पत्तों को एक साथ पकाया जाता है.

खट्टी भाजी के पत्ते अपने खास खट्टे स्वाद के लिए जाने जाते हैं और मछली के साथ मिलकर यह डिश एक प्राकृतिक खट्टापन और अनोखा ज़ायका देती है.

डिश में आमतौर पर इस्तेमाल होती हैं:

इसमें ज़्यादा मसाले नहीं डाले जाते, ताकि मछली और पत्तों का असली स्वाद बना रहे.

म्विता ज़्वङ ना एक हल्की, खट्टी और सेहतमंद डिश है, जो गर्म चावल के साथ खाई जाती है.

यह डिश न सिर्फ स्वाद में खास होती है, बल्कि इसमें प्राकृतिक विटामिन्स और मिनरल्स भी भरपूर होते हैं

रस्सेल के पत्तों में आयरन और विटामिन C होते हैं, और मछली तो प्रोटीन का एक बढ़िया स्रोत है.

भूने केकड़े की चटनी (Kangkrai Batwan)

कांगक्रैई बातवन बोडो समुदाय की एक खास चटनी है, जो स्मोक्ड केकड़े (Smoked Crab) से बनाई जाती है.

इस चटनी को बनाने के लिए पहले केकड़ों को धुएँ में पकाया जाता है, जिससे उनका स्वाद गहरा और स्मोकी हो जाता है.

फिर इस स्मोक्ड केकड़े को मिर्च, अदरक, लहसुन और थोड़ा नमक के साथ पीसकर पेस्ट बनाया जाता है.

इस पेस्ट को अच्छी तरह मिलाकर तैयार की गई चटनी को कांगक्रैई बातवन कहते हैं.

कांगक्रैई बातवन की ख़ासियत इसका तीखा, मसालेदार और स्मोकी स्वाद है, जो इसे एक अनोखी चटनी बनाता है.

यह चटनी आमतौर पर चावल के साथ या किसी भी मुख्य व्यंजन के साथ परोसी जाती है.

बतख़ और कद्दू का मेल (Khumra Jwng Hengsw Bedor)

खुमरा ज़्वङ हैंगस्व बेडोर (Khumra Jwng Hengsw Bedor) बोडो समुदाय की एक स्वादिष्ट और पौष्टिक डिश है, जिसमें मुख्य सामग्री होती है कद्दू और बतख का मांस.

इस व्यंजन को बनाने के लिए बतख के मांस को कद्दू के साथ पकाया जाता है.

इसमें अदरक, लहसुन, मिर्च और अन्य मसाले डाले जाते हैं ताकि स्वाद और खुशबू बढ़े.

कद्दू का उपयोग डिश में इसलिए किया जाता है क्योंकि यह बतख के मांस में मौजूद वसा को संतुलित करता है और भोजन को हल्का तथा ठंडक देने वाला बनाता है.

खुमरा ज़्वङ हैंगस्व बेडोर  स्वाद में बेहद संतुलित और पौष्टिक होता है.

स्वादिष्ट लाल चींटी के अंडे (Khaizwma Bwadai)

खैज़वमा ब्वदाई बोडो समुदाय की एक खास डिश है, जिसमें इस्तेमाल होते हैं लाल चींटियों के अंडे (Red Ant Eggs).

यह व्यंजन बोडो के नए साल के उत्सव “भिसगु” के समय खास तौर पर बनाया जाता है.

अप्रैल के महीने में लाल चींटियाँ अंडे देती हैं, जिन्हें इकट्ठा कर उनके साथ प्याज़, मिर्च, लहसुन, अदरक और थोड़ा नमक मिलाकर तला जाता है.

यह डिश प्रोटीन और पोषक तत्वों से भरपूर होती है.

खैज़वमा ब्वदाई का स्वाद हल्का-सा खट्टा होता है, जो इसे अन्य व्यंजनों से अलग और दिलचस्प बनाता है.

गंजेमा बातवन (Ganjema Batwan)

गंजेमा बातवन बोडो समुदाय की एक अनोखी और खास चटनी है, जो विशाल जल-कीट (जल कीट) से बनाई जाती है।.

यह कोई आम कीट नहीं है, बल्कि ताज़े पानी के स्रोतों में मिलने वाला एक खास जल-कीट होता है, जिसे बोडो लोग गंजेमा कहते हैं.

इस जल-कीट को हरी मिर्च, अदरक, लहसुन और नमक के साथ मिलाकर चटनी की तरह तैयार किया जाता है.

गंजेमा बातवन की खुशबू और स्वाद बहुत ही अनोखे और विशेष होते हैं.

यह चटनी खाने में तीखी, मसालेदार और ताजी होती है. बोडो भोजन के साथ इसे परोसा जाता है, जो खाने का स्वाद बढ़ा देता है.

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