Site icon Mainbhibharat

नागरहोल आदिवासी बस्ती में कोविड वैक्सिनेशन अभियान हुआ फ़ेल, अब चलाया जाएगा जागरुकता अभियान

कर्नाटक के कोडागु ज़िले की नागरहोल बस्ती में रहने वाले आदिवासियों ने कोविड वैक्सीन लगवाने से साफ़ इनकार कर दिया है. इस आदिवासी बस्ती में 1500 से ज़्यादा निवासी हैं, और उन सभी ने वैक्सीन लगवाने से मना कर दिया है.

बस्ती के बाहर एक बोर्ड लगाया गया है, जिसपर लिखा है कि चूंकि COVID पूरे देश में फैल रहा है, इसलिए केंद्र, राज्य या ज़िला अधिकारियों या बस्ती के बाहर से आने वालों को गांव के मुखिया या गांववालों की अनुमति के बिना बस्ती में प्रवेश करने की मनाही है. ऐसा करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा.

इसके अलावा जब पंचायत अधिकारियों ने वैक्सिनेशन अभियान के लिए आदिवासियों के नाम दर्ज करने के लिए बस्ती का दौरा किया, तो बस्ती की औरतें उनपर चिल्लाईं और कहा कि उन्हें उनके आदिवासी भगवान बचाएंगे.

यहां के आदिवासी मानते हैं कि उन्हें किसी दवा या वैक्सीन की ज़रूरत नहीं है. इन हालात में अधिकारियों को इन आदिवासियों को वैक्सिनेशन के लिए मनाने में काफ़ी मुश्किल हो रही है.

इस आदिवासी बस्ती के मुखिया रमेश ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ज़्यादातर निवासियों में जागरुकता की कमी की वजह से वैक्सीन को लेकर डर है. वो कहते हैं कि अगर अधिकारी अचानक इन्हें वैक्सीन लगवाने को कहेंगे, तो इसी तरह की प्रतिक्रिया उन्हें मिलेगी.

इसलिए उनकी मांग है कि अधिकारी पहले एक जागरुकता अभियान चलाएं, और इन आदिवासियों को वैक्सीन के बारे में समझाएं. बस्ती में फ़िलहाल कोई कोविड केस नहीं है.

रमेश आदिवासियों का नज़रिया समझाते हुए कहते हैं कि क्योंकि वो अंग्रेज़ी दवाएं नहीं लेते, तो वैक्सीन को लेकर उनमें संकोच है. वो पूछते हैं कि अगर किसी पर वैक्सीन का बुरा असर हुआ और उसकी मौत हो गई, तो उसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा.

ज़िला आईटीडीपी परियोजना अधिकारी शिवकुमार सी ने हालांकि आश्वासन दिया है कि वह आदिवासियों को वैक्सिनेशन के लिए मनाएंगे. इसके लिए अगले हफ़्ते से एक जागरुकता अभियान चलाया जाएगा.

Exit mobile version